सूरत/अहमदाबाद. कोरोना पीडि़तों का समुचित इलाज और देखभाल करने का दावा करने वाले सिविल अस्पताल की एक और लापरवाही सामने आई है. कोरोना से एक वृद्धा के मरने के 11 दिन बाद अस्पताल की ओर से बताया गया कि उसकी मां अब ठीक है और नियमित रूप से दवा ले रही है. दरअसल, रुक्माबेन सूर्यवंशी अपने परिवार के साथ बमरौली इलाके के गीतानगर में रहती थीं. कोरोना के संदिग्ध लक्षणों के साथ उन्हें 18 जुलाई को 108 के माध्यम से सिविल अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था. जहां उसकी रिपोर्ट अगले दिन रिपोर्ट आई.

इसलिए उन्हें जी -19 वार्ड में भर्ती कराया गया था. अगले दिन यहां अस्पताल में रुक्माबेन की मौत हो गई. इस पर परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. इस बीच 30 जुलाई को रुक्माबेन के बेटे पवन को सिविल अस्पताल के कंट्रोल रूम से फोन आया कि, आपकी मां अब अच्छी सेहत में हैं और वह नियमित दवा ले रही हैं. इस पर मृतका के बेटे ने बताया कि मेरी मां की मौत हुये 11 दिन हो चुके हैं. मुझे उनकी मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र भी मिल गया है.

इस पर अस्पताल से फोन करने वाले ने कहा कि मैं फिर से जांच करता हूं और कॉल करता हूं फिर कॉल नहीं आया. इस संबंध में सिविल अस्पताल की अधीक्षक रागिनी वर्मा ने बताया कि मैं समझती हूं कि परिवार मुश्किल में रहा होगा. मुझे रोगी का नाम दें ताकि मैं अपने हेल्प डेस्क से जांच कर सकूं. मुझे थोड़ा समय दीजिये.

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