नई दिल्ली. त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है इसी वजह से रेलवे ने 80 और ट्रेनें चलाने की घोषणा की है. रेलवे की रिजर्वेशन प्रणाली  शुरू क्या हुई इसमें सेंध लगाने वाले भी सक्रिय हो गए. रेलवे सुरक्षा बल RPF ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जो एक सॉफ्टवेयर की सहायता से रेलवे की रिजर्वेशन प्रणाली (Railway Reservation System) में सेंध लगाते थे. इस वजह से असली पैसेंजर ताकते रह जाते थे और दलाल सारा कन्फर्म टिकट (Confirm Ticket) हथिया लेते थे. इस गैंग का रियल मैंगो (Real Mango) नाम है. रेलवे ने दावा किया है कि इस गैग का पर्दाफाश हो चुका है और सॉफ्टवेयर को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. 

फ्रॉड का पड़ने के लिए RPF ने चलाया देशव्यापी अभियान

रेलवे बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार कोरानो में ही यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के बाद टाउटिंग गतिविधि में वृद्धि की आशंका थी. इसी को देखते हुए RPF ऐसे दलालों के खिलाफ अभियान तेज किया था. आरपीएफ की फील्ड इकाइयों द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान 09.08.2020 को Rare Mango सॉफ्टवेयर का पता चला. दलालों के गैंग ने इसी सॉफ्टवेयर का नाम बाद में बदल कर Real Mango कर दिया. इस गैंग का कारोाबर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से चल रहा था.

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार इस सॉफ्टवेयर का उपयोग उत्तर मध्य रेलवे (NCR), पूर्व रेलवे (ER) और पश्चिमी रेलवे (WR) में हो रहा था. वहां की RPF इकाइयों ने कुछ संदिग्धों को पकड़ा और RareMango /Real Mango सॉफ्टवेयर प्रणाली को समझना शुरू किया. पता चला कि यह गैर कानूनी सॉफ्टवेयर रेलवे रिजर्वेशन प्रणाली के नियमों को ही धता बता रहा था.

ऐसे चल रहा था फ्रॉड

रियल मैंगो सॉफ्टवेयर रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम के V3 और V2 कैप्चा को बायपास कर रहा था. यही नहीं, यह मोबाइल ऐप की मदद से बैंक OTP को सिंक्रोनाइज़ करता था और इसे अपेक्षित रूप में आटोमेटिकली फीड कर देता था. सॉफ्टवेयर रेलवे के सर्वर में यात्रियों के नाम और उम्र तथा पेमेंट डिटेल भी आटोमेटिक तरीके से भर रहा था. मैनुअली यह सब काम करने में काफी समय लगता है. यही नहीं, यह सॉफ्टवेयर IRCTC के कई Ids के माध्यम से IRCTC वेबसाइट पर लॉग इन करने में सक्षम था.

अब तक पकड़े गए हैं 40 अपराधी

आरपीएफ का दावा है कि इस गैंग से जुड़े 40 लोगों को पकड़ा गया है. इनमें इस सिस्टम को डेवलप करने वाला सरगना और कई मैनेजर भी शाामिल हैं. साथ ही 5 लाख रुपये से अधिक मूल्य के अवैध रूप से हथियाए गए टिकटों को भी ब्लॉक किया गया है. अब तक 40 अपराधियों को पकड़ने में सक्षम हो गई हैं और 5 लाख रुपये से अधिक मूल्य के लाइव टिकटों को ब्लॉक करते हैं. रेलवे का कहना है कि सॉफ्टवेयर अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है.

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