■दुकान या शोरूम का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. यदि ऐसा संभव न हो तो दुकान का मुख पश्चिम दिशा की ओर भी किया जाता जा सकता है. ■वास्तु विद्या के अनुसार दक्षिण की ओर मुख वाले दुकान शुभ फल नहीं देती. ■दुकान के अंदर समान रखने के लिए अलमारी आदि पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनवानी चाहिए. ■दुकान में ईशान कोण या आग्नेय कोण (उत्तरपूर्व या दक्षिणपूर्व) दिशा में दुकान की बिक्री का समान नहीं रखना चाहिए. ■वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण में इष्टदेव की मूर्ति या पानी रखना शुभ माना जाता है. ■आग्नेय कोण (दक्षिणपूर्व) दिशा में बिजली का मेन बोर्ड, इन्वर्टर या जनरेटर रखना शुभ होता है. ■दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों का पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है. ■दुकान या शोरूम के मालिक को पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए. ऐसा करने से आय में वृद्धि होती है. ■दुकान की तिजोरी को पश्चिम या दक्षिण दीवार के सहारे रखना शुभ होता है. ■गल्ले, तिजोरी, मालिक या मैनेजर की जगह के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए. यह व्यवसाय में रोड़ा बन सकता है. ■यदि ग्राहक दुकान में प्रवेश कर रहा हो तो उसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. इससे उत्साह बढ़ता व वातावरण अच्छा रहता है. ■दुकान की उत्तर या पूर्व दिशा में देवी लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति रखने व्यापार में लाभ होता है. ■चतुर्भुज या गोल आकार की दुकान अधिक शुभ मानी जाती है. ■भारी समान को दुकान के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. ■यदि दुकान में टीवी या कंप्यूटर रखना चाहते हैं, तो दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे शुभ है. आफिस वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का प्रवेश द्वार यानि मेन डोर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है.ऑफिस का रिसेप्शन काउंटर बाईं तरफ और इंतजार करने का स्थान दाहिनी ओर हो तो वास्तु की दृष्टि में यह बहुत अच्छा माना जाता है. ऑफिस में यदि इंतजार करने या वेटिंग रूम की जगह बनाना कठिन हो तो, आने वाले लोगों के लिए मालिक या अधिकारियों के केबिन के बाहर सौफा सेट या कुर्सियों को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार से सटा कर रखा जा सकता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस के मालिक और सर्वोच्च व्यक्ति का केबिन दक्षिण या पश्चिम भाग में बनाना उचित माना जाता है. इसके अलावा मालिक की कुर्सी का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और आगन्तुकों का मुंह पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना भी अच्छा माना जाता है. ऑफिस का भंडारघर (पेन्ट्री) या जहां सारा सामान रखा जाता है वह दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना वास्तु की दृष्टि से अच्छा माना जाता है. ऑफिस का टायलेट उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा के अलावा अन्य किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है.ऑफिस के एकाउन्टेन्ट या कैशियर को उत्तर की ओर तथा बाहर काम करने वाले सेल्समैन, निरीक्षक को उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बैठाना चाहिए. वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस का द्वार किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के पास होना शुभ नहीं माना जाता है. साभार: डॉ अशोक श्रीश्रीमाल
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