कुल परम्परा के हर कुल में कुल देवियों की पूजन पूर्व कालमे हर घरमे होता था.आधुनिकता के चमक धमक में अक्सर लोग इस परंपरा का उपेक्षा करते करते भूल चुके है.यहां तक उन्हें अपने कुल देवी का नाम भी नही पता. अक्सर लोग मुझसे सवाल करते है कि उनके कुल देवी या कुल देवता कौन है और उनका पूजा कैसे किया जाता है.

जब लोग हर तरह की परेशानियों में घिर जाते है तब किसी जानकार तांत्रिक मांत्रिक या गावँ के ओझा के पास जाते है और वहां जाकर अपने उलार आयी बिपतगी का कारण पूंछते है.तांत्रिक मांत्रिक अपने ज्ञान विद्या से अक्सर उन्हें कुल देवी या देवता का कोप मिलता है.

ये हिन्दू लोग जिन लोगो का नकल करके अपने परंपरा या धर्म का विरोध करते है और मजाक बनाते है उन्हें शायद नही पता कि वे स्वयं अपने धर्म और परंपरा का अच्छी तरह से पालन करते है.इसाई नियमित गिरजाघर जाता है, मुस्लिम दिन में 5 बार नमाज पड़ता है.आज कुछ हिन्दू मानते है कि धार्मिक परंपरा से तरक्की नही होती.धर्म नाम ही तरक्की और खुशहाली के लिए है.अगर धर्म का सही पालन किया जाए तो हर सफलता उसका चरण चूमेगी.

जब कुल देवी या कुल देवता नाराज़ होते है तो घर मे गरीबी, हर कार्य मे असफलता रोग ब्याधि घर मे कलह, संतति हानि इत्यादि उपद्रव घर मे देखा जाता है.घर मे कलह झगड़ा इत्यादि शुरू हो जाता है.

कुल देवी और देवता का पता लगाना

अपने इष्ट देव के वार को 1 नारियल और11 रुपये ले जाकर अपने इष्ट के मंदिर में रख दे और उनसे हाथ जोड़ कर कहे, , , हे प्रभु, हम और हमारे पूर्वज अपनेकुल देवी देवता को भूल चुके है.मैं उन का सही तरीके से पूजन इत्यादि करना चाहता हूं.यह पूजन आपका इस लिए कर रहा हूँ कि -  कुल देवी या देवता का मुझे किसी तरीके से अपने नाम और पूजन बिधि बताये.अगर 10 दिन के अंदर मेरे कुलदेवी देवता नही आते तो मैं आपको ही अपना कुल देवता या कुल देवी मान लूंगा.
इस प्रकार से कहने से स्वप्न में या किसी भी तरीके से आपका कुलदेवी और कुलदेवता अपना परिचय और पूजन बिधि बताते है.अगर नही आते तो अपने इष्ट को ही कुल देवता बना लें.इसके लिए एक सामान्य पूजन करके उनकी पूजन शुरू कर दें.समय समय पर उनका विशेष पूजन करते रहे.शादी बिवाह जैसे बिशेष अवसर पर या पुत्र प्राप्ति इत्यादि होने पर उनका विशेष पूजन करें.अगर इष्ट और कुल देवी देवता एक ही हो तो क्या कहने.

वैसे बहुत से योगिनियां कुल देवी के रूप में पूजी जाती हैं.उनमें से एक को उनके पूजन विधि के संपूर्ण विधि प्राप्त करके चुन लें.अगर आप ब्राह्मण है तो ऐसी कुल देवी या देवता न चुने जिनको पशु वलि का विधान हो.

बलि मांसादि पूजनं विप्र वरज्या मएरिता.

इस प्रकार कुल देवी देवता का प्रतिष्ठा और पूजन आपकी सभी परेशानियों को समाप्त कर देगा.घर मे सदैव मंगल होना शुरू हो जाएगा.घर मे विभिन्न प्रकार के दोष ग्रह दोष इत्यादि समाप्त हो जायेगे.

साभार : प्राचीन शाबर मन्त्र