जबलपुर. कोरोना महामारी की आड़ लेकर केंद्र सरकार पिछले कुछ माह से रेल कर्मचारियों की जायज मांगों व भत्तों पर लगातार रोक लगा रही है, लेकिन इस बार तो उसने हद ही कर दी, शनिवार 17 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है, लेकिन अभी तक उसने हर साल दिये जाने वाले उत्पादकता आधारित बोनस देने की घोषणा नहीं की है, यह कर्मचारियों का अधिकार है और यह हम लेकर रहेंगे. यह बात वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूुनियन (डबलूसीआरईयू) द्वारा गर्जना करते हुए केंद्र सरकार को चेताया कि यथाशीघ्र बोनस की घोषणा की जाए, अन्यथा रेल का पहिया जाम कर दिया जायेगा.

डबलूसीआरईयू द्वारा बोनस अधिकार पखवाड़ा के समापन अवसर पर आज शुक्रवार को पमरे जीएम कार्यालय के गेट पर एक विशाल आमसभा व प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस मौके पर यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने कहा कि केन्द्र सरकार अब रेलवे कर्मचारियों के साथ छिछोरी हरकतें करने लगी है. कभी मंहगाई भत्ते को बंद करने का आदेश देती है. कभी रात्रि भत्ता बंद करने के आदेष जारी करती है.  

तो कभी कर्मचारियों का बोनस रोक देती है. अब तो रेल कर्मचारियों द्वारा गत समय रात्रि मे किये गये कार्यो के एवज मे दिये गये भुगतान की रिकवरी करने के आदेष भी जारी होने लगे है. कोरोना महामारी की आड़ मे सरकार मजदूरों की ताकत और मजदूर आंदोलन को कमजोर करने के लिए नित नये प्रयोग कर रही है. रेल कर्मचारियो को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि सरकार रेल कर्मचारियों के लिए बोनस की शीघ्र घोषणा करे वरना रेल कर्मचारी बिना नोटिस दिये रेल का चक्का जाम करेंगे.

औद्योगिक शांति को जबर्दस्त खतरा: बीएन शुक्ला

मंडल अध्यक्ष का. बी.एन. शुक्ला ने कहा कि सरकार रेल कर्मचारियों के लिए बोनस की षीघ्र घोशणा करे बरना निष्चित रूप से रेल उद्योग की औद्योगिक शान्ति बिगडऩे वाली है. मंडल अध्यक्ष का. बी.एन.शुक्ला ने कहा कि सभी रेल कर्मचारी एकजूट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करें, तभी हमें सफलता मिल पायेगी. यह बोनस पिछले वर्श का है. इसमें कैंची नहीं चलाने दी जायेगी, त्यौहार भत्ता तो केवल झुनझुना है. इससे रेल कर्मचारी मानने वाला नहीं है. आज की द्वार सभा में का. जरनैल सिंह, रोमेश मिश्रा, सुशांत नील शुक्ला, कमलेश, रवि गौतम, अंकित पांडेय, चंदन, तारा, जितेंद्र वर्मा, ओम प्रकाश सहित सैकड़ों रेल कर्मचारी मौजूद रहे.

ट्रेकमशीन स्टाफ ने भी निकाला पमरे प्रशासन पर जमकर आक्रोश

वहीं प्रदर्शन के दौरान ट्रेक मशीन स्टाफ ने भी पमरे प्रशासन द्वारा नियम विरुद्ध काम कराये जाने के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस मौके पर मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि ट्रेक मशीन में कार्यरत कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड के गत 16 जून 2016 के आदेश के मुताबिक 21/7 यानी माह में 21 दिन ड्यूटी कराने के बाद 7 दिन का रेस्ट देने को कहा गया है, ताकि कर्मचारी अपने घर-परिवार से मिल सके, लेकिन पमरे के जबलपुर, कोटा व भोपाल मंडल में ट्रेक मशीन में कार्यरत कर्मचारियों को उक्त व्यवस्था के मुताबिक रेस्ट नहीं दिया जा रहा है, उन्हें हर 7 दिन बाद 1 दिन का रेस्ट दिया जा रहा है, जिससे दूरदराज के स्टेशनों में ड्यूटी होने से वे अपने घरवालों से भी नहीं मिल पा रहे हैं. इस मौके पर ट्रेक मशीन स्टाफ की 9 सूत्रीय मांगों को पमरे प्रशासन को सौंपा गया और उन्हें अविलंब पूरा करने की मांग की गई है.