सोनीपत. हरियाणा के बरोदा हलका के उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किशन सिंह सांगवान की राजनीतिक विरासत संभाल रहे उनके बेटे प्रदीप सांगवान आज हाथ का साथ छोड़कर भगवा धारण करने जा रहे हैं.

प्रदीप सांगवान की रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के सामने छह साल बाद भाजपा में वापसी होगी. प्रदीप सांगवान परिवार की बरोदा हलके में अच्छी पकड़ मानी जाती है, जिससे उपचुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद रहे और भाजपा के दिग्गज नेता किशन सिंह सांगवान का 2012 में आकस्मिक निधन हो गया था. सांगवान मूल रूप से बरोदा हलका के गांव नूरनखेड़ा के रहने वाले थे. सांगवान के निधन के बाद बेटे प्रदीप सांगवान ने राजनीतिक विरासत संभाली. प्रदीप 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट पर भाजपा से प्रबल दावेदार थे। ऐन वक्त पर प्रदीप का टिकट काट दिया गया था, जिससे वे नाराज होकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

बरोदा के उपचुनाव में प्रदीप सांगवान टिकट के प्रबल दावेदार थे. इस बार भी कांग्रेस ने सांगवान का टिकट काट दिया. इससे नाराज होकर सांगवान आज गुरुवार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. रोहतक में आयोजित कार्यक्रम में प्रदीप मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा में शामिल होंगे. स्व. किशन सिंह सांगवान मुख्य रूप से किसानों की राजनीति करते थे और वे धरातल से जुड़े नेता थे. प्रदीप सांगवान भी अपने पिता की तरह किसानों की राजनीति में सक्रिय रहते हैं.