ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गांधी नगर इलाके में रहने वाले कमल गर्ग ने 55 साल पहले जब अपनी पत्नी अंगूरी का हाथ थामकर सात फेरे लिए थे. उन्होंने 7 जन्म तक साथ जीने-मरने के वचन लिए थे. इस शपथ पर दोनों ही खरे उतरे. करवा चौथ के दिन कमल किशोर गर्ग का एक्सीडेंट हुआ. दूसरे दिन उनकी मौत हो गयी. उनकी अर्थी के चारों ओर परिक्रमा लगाने के बाद अंगूरी देवी ने पति के पैरों में मत्था टेका और वहीं दम तोड़ दिया.

ग्वालियर के गांधी नगर इलाके में रहने वाले कारोबारी कमल किशोर गर्ग का भरा-पूरा परिवार है. 4 नवंबर को कमल किशोर गर्ग अपनी बाइक से घर लौट रहे थे.उसी दौरान दाल बाजार के पास किसी वाहन ने उनको टक्कर मार दी. गंभीर रूप से घायल कमल किशोर को अस्पताल ले जाया गया जहां 5 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई.

पति के चरणों में तोड़ा दम

कमल किशोर का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था. उसी दौरान घर में अंतिम क्रियाएं पूरी की जा रही थीं. कमल किशोर की पत्नी अंगूरी देवी को भी परिवार के लोगों ने पति के अंतिम दर्शन कराए. अंगूरी देवी ने पति की अर्थी के चारों तरफ परिक्रमा लगाई और फिर अपना सिर कमल किशोर के पैरों में रख दिया. बस उसके बाद अंगूरी देवी उठी नहीं. जब परिवारवालों ने उन्हें संभाला और उठाने की कोशिश की तो देखा अंगूरी देवी की भी सांसें थम चुकी थीं. परिवार ने फौरन डॉक्टर को बुलाया. डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि अंगूरी देवी का भी देहांत हो चुका है. इसके बाद परिवार वालों ने अंगूरी देवी की भी अर्थी तैयार की और फिर दोनों अर्थियां एक साथ श्मशान के लिए रवाना की गयीं.

55 साल का साथ

करीब 55 साल पहले कमल किशोर गर्ग की शादी अंगूरी देवी से हुई थी. उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं. सभी की शादी हो चुकी है.परिवार वाले बताते हैं कि पति-पत्नी में अटूट प्रेम था. दोनों हमेशा घर से साथ निकलते थे.मंदिर हो या पार्क दोनों हमेशा साथ जाते थे. यहां तक कि एक दूसरे के बिना उनका भोजन भी अधूरा रहता था. पड़ोसी दिनेश  का कहना है ऐसा अद्भुत प्रेम उन्होंने अपने जीवन में नहीं देखा.

बैंडबाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा

कमल किशोर गर्ग और अंगूरी देवी की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए. बैंडबाजे के साथ अंतिम यात्रा निकली. सभी ने कहा ऐसा प्रेम कह्नां मिलेगा.