मुंबई. दिवंगत कलाकार तैयब मेहता की एक Painting ने उनका खुद का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उनकी कृति अनटाइटल्ड (काली) 26.4 करोड़ रुपये में बेची गई. इसी के साथ यह अब तक की उनकी सबसे महंगी कृति बन गई है. इस पहले उनकी अनटाइटल्ड (वुमन ऑन रिक्शॉ) 22.99 करोड़ की कीमत के साथ सबसे महंगी कृति थी.

सैफरनार्ट समर ऑनलाइन ऑक्शन में मेहता की इस Painting ने यह रेकॉर्ड तोड़ा. काली उनकी बनाई उन तीन कृतियों में से एक है जो खड़े हुए आकार में है. यह पहले थिअटर डायरेक्टर एब्राहिम अलकाजी के कलेक्शन का हिस्सा थी. इस Painting में इंसान की दुविधा को दिखाया गया है. यह अच्छाई और बुराई, निर्माण और विनाश के बीच असमंजस की स्थिति है.

‘दुर्गा, काली से प्रभावित’

तैयब मेहता का निधन 2009 में हो गया था. वह मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट के छात्र थे. उनके बेटे यूसुफ मेहता बताते हैं कि तैयब शांति निकेतन में रहते हुए दुर्गा और काली से बेहद प्रभावित हुए थे. उसके बाद से ये उनकी कलाकारी में शामिल रहा. यूसुफ कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि उनके पिता को निधन के बाद भी काम के लिए प्रशंसा मिल रही है.

तैयब मेहता एक जाने-माने भारतीय चित्रकार थे. वे प्रसिद्ध ‘बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप’ के सदस्य थे. इस समूह में एफ.एन. सौज़ा, एस.एच. रजा और एम. एफ. हुसैन जैसे महान कलाकार भी शामिल थे. वे स्वतंत्रता के बाद की पीढ़ी के उन चित्रकारों में से थे जो राष्ट्रवादी बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट के परंपरा से हटकर एक आधुनिक विधा में कार्य करना चाहते थे. आज भारतीय कला में सारी दुनिया की दिलचस्पी है और इस दिलचस्पी का एक बड़ा श्रेय तैयब मेहता को भी जाता है. जब क्रिस्टी जैसी कलादीर्घा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी कृतियों की नीलामी की तो भारतीय कला के लिए ये एक बड़ी बात थी.

समकालीन भारतीय कला इतिहास में तैयब मेहता ही अकेले पेंटर थे जिनका काम इतने कीमतों में बिका.