जबलपुर. रेलवे में संवेदनशील कार्यों में भी निजीकरण के रुझान व उसके दुष्प्रभाव सामने आने लगे है. जबलपुर स्थित लोको लॉबी का काम ठेके पर दिया गया है, यहां पर ठेकेदार के कर्मचारी, अधिकारियों के संरक्षण में इतने पावरफुल व उद्दंड हो चुके हैं कि अब वे सहायक लोको पायलट (एएलपी) को नौकरी से निकलवाने तक की धमकी देने लगे हैं. इस मामले में जबलपुर रनिंग स्टाफ में जबर्दस्त आक्रोश फैल गया है और ठेका निरस्त करने की मांग की गई है.

बताया जाता है कि पिछले दिनों जबलपुर में पदस्थ एएलपी राहुल विश्वकर्मा को लॉबी से ठेकेदार के कर्मचारी अलीम का 14 नवम्बर को फोन आया और मालगाड़ी पर ड्यूटी लगाने की बात की, जिस पर एएलपी राहुल ने कहा कि उसकी ड्यूटी पर उपलब्धता 6वें नंबर पर है, उसके पहले के लोगों की ड्यूटी की जानकारी दो, जिस पर ठेका कर्मचारी अलीम खान ने धमकाते हुए कहा कि ड्यूटी पर आओ, नहीं तो एब्सेंट कर दूंगा. बाद में सीसीओआर का फोन आया, उनके काल के बाद उसने ड्यूटी पर जानेकी मंजूरी दी और ठेकाकर्मी की अभद्रता की जानकारी दी. जिसके थोड़ी देर बाद फिर से ठेकाकर्मी अलीम का फोन आया और धमकाया कि तुमने मेरी शिकायत करने की सोची है, मैं तुम्हें नौकरी से निकलवा दूंगा. जिसकी लिखित शिकायत एएलपी राहुल विश्वकर्मा ने संबंधित अफसरों को लिखित में दी है.

साथी स्टाफ में आक्रोश

ठेका कर्मी की अभद्रता व नौकरी से निकलवाने की धमकी दिये जाने की जानकारी जब अन्य एएलपी को लगी तो उनमें आक्रोश फैल गया है. सभी रनिंग स्टाफ ने ठेका कर्मचारी को काम से अलग किये जाने की मांग की है. रेल कर्मचारियों का कहना है कि  एक तरफ रेलवे कॉस्ट कटिंग के चक्कर में कर्मचारियों को टीए, नाइट ड्यूटी भत्ता और अन्य भत्ते नहीं दे रही है, दूसरी तरफ मण्डल की 05 लॉबी में ठेकाकर्मियों से काम कराकर 02 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है, जबकि बुकिंग के काम को आसानी से रेलवे स्टाफ से कराया जा सकता है. रनिंग स्टाफ में इस तरह की बयानबाजी से बेहद आक्रोश एवं तनाव व्याप्त.जिसका असर रेल संरक्षा पर पड़ सकता है. वहीं रेल प्रशासन ठेकेदार के कर्मचारी को संरक्षण दे रहा है और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में है.