नई दिल्ली. देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस एक बार फिर से यार्ड में खड़ी होगी. दरअसल, इस ट्रेन को जितने यात्री मिलने थे, उते नहीं मिल पा रहे हैं, यानी पैसेंजरों का जबर्दस्त टोटा है. इसलिए इसे चलाने वाली कंपनी ने इसे पटरियों पर दौड़ाने की बजाय यार्ड में ही खड़ी रखने का मन बनाया है.

खबर मिली है कि नई दिल्ली से लखनऊ के बीच दौडऩे वाली तेजस एक्सप्रेस का ऑपरेशन आगामी 23 नवंबर से तो अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस का संचालन आगामी 24 नवंबर से बंद होगा.

सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड ही इस समय देश की पहली प्राइवेट ट्रेन चलाती है. यह रेल मंत्रालय का एक सार्वजनिक उपक्रम है. 

नहीं मिल रहे हैं यात्री

आईआरसीटीसी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अभी दिवाली के आसपास तो ट्रेन में ऑकुपेंसी ठीक रही, लेकिन उसके बाद पैसेंजरों का टोटा है. इसलिए, आईआरसीटीसी प्रबंधन ने तेजस ट्रेनों के सभी प्रस्थान रद्द करने का फैसला किया है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते 19 मार्च को भी इन ट्रेनों का ऑपरेशन बंद कर दिया गया था. उसके बाद ही देश भर में कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया था. उसके बाद तो सभी तरह की ट्रेनों का ऑपरेशन बंद कर दिया गया था.

आमदनी कम खर्चा ज्यादा

आईआरसीटीसी के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि इस ट्रेन को चलाने में आमदनी कम है जबकि खर्चा ज्यादा है. इस ट्रेन को एक दिन चलाने का खर्च 15 से 16 लाख रुपये आता है, जबकि, इस पूरे ट्रेन में 50 से 60 पैसेंजरों की ही बुकिंग है.

यदि हर पैसेंजर के टिकट की कीमत 1,000 रुपये औसत भी मान लिया जाए तो 50 से 60 हजार रुपये की ही आमदनी है. इस पूरे ट्रेन में 758 पैसेंजरों की बुकिंग हो सकती है.