जबलपुर. गया से चलकर एग्मोर चेन्नई एक्सप्रेस जबलपुर-गोंदिया ब्राडगेज प्रोजेक्ट पूरा होन के बाद पहली ट्रेन बनी जो इस नवनिर्मित ट्रेक पर सवारियों को लेकर दौड़ी. इस ऐतिहासिक पल पर जबलपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में नागरिक, मीडिया के लोग मौजूद रहे. इस नये रेलमार्ग और ट्रेनें चलने की उम्मीदें बंध गई हैं.

बहुप्रतीक्षित जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज पर रविवार शाम 4.10 बजे गया-चेन्नई सुपरफास्ट एक्सप्रेस के रवाना होते ही आदिवासी अंचल रेल रूट से जुड़ गया. इस रूट से जहां गया-चेन्नई के बीच की दूरी 274 किमी कम हो जाएगी. वहीं, पांच घंटे का समय भी कम होगा. जबलपुर से नैनपुर, बालाघाट व गोंदिया में इस ट्रेन का स्टापेज दिया गया है. वापसी में ये ट्रेन पांच जनवरी को चेन्नई से रवाना होगी. इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा.

30 साल का सपना पूरा

रेल मंत्रालय ने पिछले दिनों गया-चेन्नई सेंट्रल स्पेशल ट्रेन 02389 को इस रूट से चलाने का निर्णय लिया था. यह ट्रैक महाकौशल के चार जिलों को महाराष्ट्र होकर दक्षिण भारत से जोड़ेगा. उत्तर से दक्षिण भारत को जोडऩे वाला महत्वपूर्ण रेल मार्ग होगा. इसके पूरी तरह से चालू होने से जहां जबलपुर बड़े जंक्शन के तौर पर उभरेगा. वहीं, इटारसी रूट पर ट्रेनों की ट्रैफिक भी कम होगी. गया-चेन्नई स्पेशल के तौर पर ब्रॉडगेज पर पहली इलेक्ट्रिक यात्री ट्रेन का संचालन होते ही 30 साल का संघर्ष पूरा हुआ. खासकर आदिवासी अंचल के विकास के नए द्वार खुलेंगे.

एक माह तक प्रायोगिक रूप से चलेगी ट्रेन

रेलवे ने गया से चेन्नई के बीच संचालित 02389/02390 को प्रयोगिक तौर पर एक महीने के लिए इस रूट पर संचालित करने का निर्णय लिया है. यह ट्रेन हर सप्ताह रविवार को जबलपुर से गुजरेगी. वहीं, हर मंगलवार को वापसी में ये ट्रेन आएगी. पहले इटारसी के रास्ते जबलपुर से बल्लारशाह जाने में 15 घंटे लगते थे. अब इस ट्रैक से यह ट्रेन 10 घंटे में उक्त दूरी पूरी कर लेगी. समय के साथ इस ट्रैक पर ट्रेन की रफ्तार बढऩे से समय में दो घंटे की और बचत हो सकती है.

482 किमी ही तय करनी होगी दूरी

यह ट्रेन जबलपुर से इटारसी, नागपुर-बल्लारशाह के ट्रैक पर चलती थी. इससे जबलपुर से बल्लारशाह की दूरी 756 किमी पड़ता था. अब गोंदिया से ये दूरी महज 482 किमी का रह जाएगा. जबलपुर गोंदिया ब्रॉडगेज आदिवासी अंचल की जीवन रेखा बनेगी. नैरोगेज इस अंचल की लाइफलाइन मानी जाती थी, लेकिन इसके बंद होने के बाद से ये अंचल रेल कनेक्टिविटी से कट सा गया था. सिवनी, बालाघाट, मंडला जैसे शहर इस ट्रैक के प्रमुख स्टेशनों के रूप में सामने आएंगे. कान्हा, पेंच जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल के साथ औद्योगिक विकास भी इस अंचल का तेजी से होगा.