क्यों घबराऊ मैं..!
मेरा तो
अपने कान्हा से
नाता है….!
जब सारा जग है सोता
नींद में…
दूर बैठा वो प्रेम की
मीठी बांसुरी बजाता है…!!
मुझे पास अपने
बुलाता है…!!
मेरा तो अपने कान्हा
से नाता है…!!
क्यों न गाऊं मैं तराने
ये प्यार के
रोम रोम मेरा…
श्याम धुन गाता है…!!
मेरा तो कान्हा से
नाता है…!!
….. मेरा कान्हा रे!!!