हजारीबाग. झारखंड के हजारीबाग में किसान परंपरागत खेती से हटकर वैज्ञानिक पद्धति से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि इसमें उनको ज्यादा मुनाफा होगा. दरअसल हाल के दिनों में हर क्षेत्र में अलग हटकर काम करने की होड़ देखी जा रही है. ऐसे में किसान भी अपने आप को पीछे नहीं रखना चाहते हैं. यही वजह है कि हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के अडरा गांव में किसान वैज्ञानिक पद्धति से परंपरागत खेती से हटकर स्ट्रॉबेरी का खेती कर रहे हैं. ताकि उन्हें अच्छा मुनाफा हो सके.

अडरा  गांव में पहली बार स्ट्रॉबेरी का खेती करने वाले किसान संजीत प्रजापति कहते हैं कि कम जगह पर भी यह खेती किया जा सकता है और इसके लागत मूल्य से चार गुना ज्यादा फायदा मिलेगा. इतना ही नहीं किसान संजीत  यह भी बताते हैं कि अन्य खेती में पौधा मरने का डर रहता है, लेकिन इसमें वह डर ना के बराबर है और तो और इसमें दवा भी काफी कम लगता है. अगर इस बार मुनाफा हुआ तो अगली बार वृहद पैमाने पर इसकी खेती करेंगे और लोगों को प्रेरित भी करेंगे.

इस संस्था की मदद से खेती

किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए केजीवीके नामक एक संस्था आगे आई और ना सिर्फ किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए प्रेरित किया बल्कि बैंक के सहयोग से आर्थिक रूप से भी इन्हें मदद किया. ताकि किसान हिम्मत से खेती करें. संस्था के प्रशिक्षक भवर सिंह माहौर ने बताया है कि हजारीबाग में स्ट्रॉबेरी की खेती पहले नहीं की जाती थी. लोग यहां परंपरागत खेती ही करते थे. ऐसे में किसानों को कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा हो इस बात को ध्यान में रखते हुए फिलहाल दो गांव में पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित किया गया है और किसान को अच्छा मुनाफा भी होगा.