मेरठ. पशुओं और इंसान के बीच दिल से लगाव के हमने कई किस्से सुने हैं. एक ऐसा ही किस्सा मेरठ के बहसूमा क्षेत्र में देखने को मिला है. यहां एक किसान ने अपनी भैंस की मौत के बाद पूरे गांव को तेरहवीं की दावत दी है. पूरे विधि विधान से श्रद्धांजलि सभा के दौरान सभी ग्रामीणों ने इस भैंस को श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि यह अनूठी तेरहवीं चर्चा का विषय बनी हुई है.

मोहम्मद शाकिस्त गांव के रहने वाले सुभाष पेशे से किसान हैं. पिछले 32 सालों से सुभाष के यहां एक भैंस पली हुई थी.

आपको बता दें कि यह भैंस काफी समय से दूध देना बंद कर दी थी, लेकिन बचपन से इस भैंस को सुभाष पाल रहे थे.

इनको इस भैंस से काफी लगाव हो चुका था, इसलिए उन्होंने इस भैंस को नहीं बेचा. बीमारी के चलते कुछ दिन पहले इस भैंस की मौत हो गई थी.

सैकड़ों लोग इस भैंस की तेरहवीं में हुए शरीक

भैंस की मौत के बाद सुभाष के परिवार ने ढोल,नगाड़े के साथ इस भैंस की अंतिम विदाई दी. आपको बता दें कि इस भैंस की बृहस्पतिवार को तेरहवीं मनाई गई है. इस तेरहवीं में बकायदा टेंट, हलवाई लगवाकर पूरे गांव को तेरहवीं की दावत का न्यौता दिया गया. सैकड़ो लोग इस भैंस की तेरहवीं में शरीक हुए.

पहले एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रामीणों ने फूल माला चढ़ाकर भैंस की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

जिससे स्वर्ग में मिले स्थान

भैंस के मालिक सुभाष का कहना है कि वह अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते थे. लिहाजा उन्होंने अपनी भैंस के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हर रस्म को अदा किया.

जिससे उनकी भैंस की आत्मा को शांति मिले. आपको बता दें कि इस तेरहवीं में गांव के सभी लोगों ने इस प्रसाद को ग्रहण किया. इसके साथ भैंस की आत्मा की शांति की कामना की.