डिजीटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ज़ी-5 पर फिल्म कागज रिलीज हुई. सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी लीड रोल में हैं. इसके अलावा खुद सतीश कौशिक, एम मोनल गज्जर, मीता वशिष्ठ, अमर उपाध्याय, नेहा चौहान, संदीपा धर, ब्रिजेंद्र काला जैसे कलाकारों ने भी फिल्म में अहम भूमिका निभाई है. फिल्म का ट्रेलर कई दिनों पहले ही रिलीज हो गया था. उसके बाद से ही वाले पंकज त्रिपाठी के फैन्स फिल्म के रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. 

फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति के जीवन पर आधारित है, जो असल में तो जिंदा होता है लेकिन कागजी दस्तावेजों में उसे मृत घोषित कर दिया जाता है. इसके बाद पूरी फिल्म इसी कहानी के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है. 

कहानी- यूपी के खलीलाबाद के एक छोटे से गांव का रहने वाला भरत लाल (पंकज त्रिपाठी) एक बैंड मास्टर है जो अपनी पत्नी रुक्मणि (एम मोनल गज्जर) और बच्चों के साथ सुख से रह रहा है. भरत लाल की पत्नी रुक्मणि उससे अपना काम और बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लेने की सलाह देती है. जब भरत लाल बैंक जाता है तो लोन के बदले उससे गिरवी रखने के लिए जमीन के कागज मांगे जाते हैं. भरत लाल अपनी जमीन के कागज लेने जाता है तो यह जानकर हैरान रह जाता है कि कागजों के मुताबिक वह मर चुका है और उसकी जमीन उसके चाचा के बेटों को बांट दी गई है. इसके बाद शुरू होता है भरत लाल का लंबा संघर्ष जिसमें वह लेखपाल से लेकर कोर्ट के चक्कर काटता रहता है. भरत लाल की मदद के लिए आगे आते हैं साधुराम केवट वकील (सतीश कौशिक) जो अंत तक उनकी मदद करते हैं. भरत लाल अपने नाम के आगे मृतक लगा लेता है और उसके साथ पूरे प्रदेश के ऐसे लोग जुड़ जाते हैं जिन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. इस लंबे संघर्ष में भरत लाल का काम-धंधा बंद हो जाता है, परिवार साथ छोड़ देता है लेकिन भरत लाल हार नहीं मानता है. 18 साल के लंबे संघर्ष के बाद भरत लाल कैसे कागजों में खुद को जीवित करता है, इसी संघर्ष की कहानी है 'कागज'.