पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में मंथन की बजाय आरोप-प्रत्यारोप और अंदरूनी कलह का दौर लगातार जारी है. पार्टी में विधायकों के टूट का दावा करने वाले वरीय नेता भरत सिंह ने एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा विधायकों को तोड़कर जदयू में जाना चाह रहे हैं, ताकि उनको उस पार्टी में अशोक चौधरी की तरह मंत्री का पद मिल सके. लगे हाथों उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही मदन मोहन झा भी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जा रहे हैं.

भरत सिंह ने कहा कि मैंने पार्टी के विधायकों की संभावित टूट की शिकायत आलाकमान से की थी, जिसके बाद ही आलाकमान ने कार्रवाई करते हुए बिहार प्रदेश प्रभारी के पद से शक्ति सिंह गोहिल को हटाया. उन्होंने शक्ति सिंह गोहिल पर निशाना साधते हुए कहा कि शक्ति सिंह गोहिल ने हार के कारणों की जिम्मेवारी लेने की बजाय स्वास्थ्य कारणों का हवाला बताया था जो कि बहाना मात्र था. अगर शक्ति सिंह गोहिल बीमार होते तो उन्हें अन्य राज्यों के प्रभारी पद का कार्य क्यों नहीं छोड़ा.

भरत सिंह ने कहा कि बिहार प्रदेश को नए प्रभारी के रूप में भक्त चरण दास मिले हैं जो कि 11 और 12 जनवरी को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. मैं उनसे मुलाकात करने के बाद कांग्रेस की गड़बडिय़ों को बताऊंगा. बिहार में पार्टी महज खरीद-बिक्री की पार्टी बन गई है और लोकसभा से लेकर विधानसभा तक के टिकट बेच दिए जा रहे हैं.

पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी के तीन पूर्व अध्यक्ष ऐसा कर चुके हैं कि वो कांग्रेस से निकलकर अपने कुछ लोगों के साथ जेडीयू या अन्य दलों में जाकर मिले हैं, जबकि पार्टी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को इसका कोई फायदा नहीं मिला है.

उन्होंने स्पष्ट रूप से मदन मोहन झा, अखिलेश सिंह और सदानंद सिंह पर निशाना साधा और हार का ठीकरा फोड़ा. बिहार में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से लगातार अंदर के कलह से जूझ रही है और पार्टी के नेता ही एक दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं.