नई दिल्ली. भारत से तनाव के बीच चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल (एलएसी) से अपने 10 हजार जवानों को हटा लिया है. भारतीय सीमा के पास 200 किलोमीटर के दायरे से चीनी सैनिक हट गए हैं. बताया जा रहा है कि लद्दाख में शून्य से नीचे गिरते तापमान के चलते चीन ने ये कदम उठाए हैं. बेहद ठंड और कठिन हालात की वजह से चीनी सैनिक भारतीय सीमा से हटे हैं.

उल्लेखनीय है कि पिछले आठ महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चल रहे तनाव के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसमें दोनों देशों के कैंप और सैनाओं की तैनाती साफ दिखाई दे रही है. इस तस्वीर में साफ दिखाई पड़ रहा है कि भारत और चीन के टैंक, आईसवी और सैनिक एलएसी पर महज़ 100 मीटर की दूरी पर हैं यानि आई बॉल टू आई बॉल हैं. ये तस्वीर ऐसे समय में सामने आई जब भारतीय सेना ने एलएसी पार कर भारतीय सीमा में आए एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया था. सोमवार को हालांकि भारतीय सेना ने इस चीनी सैनिक को चीन की पीएलए-आर्मी के हवाले कर दिया.

सोशल मीडिया पर इनदिनों एक तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि ये तस्वीर भारतीय सीमा से ली गई है. लेकिन पहली बार इसे चीन की सोशल मीडिया साइट, विबो पर शेयर किया गया था. इस तस्वीर में किसी ने एडिट कर एक लाइन खीच कर एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल दिखाने की कोशिश की है. साथ ही चीनी भाषा में भारत और चीन की सेनाओं के कैंप, टैंक, इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्से (आईसीवी, जिन्हें बीएमपी भी कहा जाता है) और सैनिक भी दिखाई पड़ रहे हैं.

ये पहली बार है कि दोनों देशों की सेनाओं की इस तरह तैनाती की तस्वीर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीर पैंगोंग-त्सो झील के दक्षिण में कैलाश रेंज के रेचिन ला दर्रे की है. भारत के चुशूल सेक्टर का ये वही इलाका है जहां क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने दौरा किया था. उस वक्त उन्होनें वहां तैनात सैनिकों का हौंसला तो बढ़ाया ही था साथ ही आर्मर्ड (टैंक) ब्रिगेड और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री (जिसके अंतर्गत बीएमपी व्हीकल्स आती हैं) की ऑपरेशन्ल तैयारियों की समीक्षा की थी.