मास्‍को. अमेरिका और नाटो के यूरोपीय सदस्‍य देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस ने ऐलान किया है कि वह साल 2021 में 200 से ज्‍यादा मिसाइलों का परीक्षण करेगा. रूस ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब उसकी बेहद घातक 'सतान 2' हाइपरसोनिक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल जल्‍द ही बनकर तैयार होने जा रही है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के नेतृत्‍व में 200 मिसाइलों का परीक्षण किया जाएगा.

रूस ने इससे पहले भी वर्ष 2020 में भी करीब 200 मिसाइलों का ही परीक्षण क‍िया था. रूस की समाचार एजेंसी तास ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा, 'साल 2021 में स्‍ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स विभ‍िन्‍न स्‍तरों पर 200 अभ्‍यास करेगी. इसमें मिसाइल रेजिमेंट और मिसाइल डिविजन के रणनीतिक और विशेष अभ्‍यास शामिल हैं. अभ्‍यास के दौरान गति‍विध‍ियों की आक्रामकता में बदलाव देखने को मिलेगा.'

रूस इस समय अपनी आरएस-28 सरमत अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को फ्लाइट ट्रायल के लिए तैयार कर रहा है. इसके बारे में कहा जाता है, यह मिसाइल किसी भी एयर डिफेंस सिस्‍टम को तबाह कर सकती है. देश के उपरक्षामंत्री ने कहा है कि इस तरह के ट्रायल निकट भविष्‍य में होंगे. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक सरमत या सतान 2 मिसाइल 10 हजार से लेकर 18 हजार किमी तक मार कर सकती है. रूस की इस महाविनाशक मिसाइल को लेकर नाटो देशों में दहशत का माहौल है.

इस मिसाइल की विध्‍वंसक क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि इसके एक ही वार से पूरे फ्रांस को तबाह किया जा सकता है. आरएस-18 मिसाइल अपने साथ एक विशाल थर्मोन्‍यूक्लियर बम या 16 छोटे परमाणु बम एक साथ ले जा सकती है. यही नहीं रूस की सुरक्षाबल चाहें तो थर्मोन्‍यूक्लियर बम के साथ छोटे परमाणु बम भी फिट करके इस मिसाइल को दाग सकते हैं. इस मिसाइल के बारे में खास बात यह है कि इसका एक-एक वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्‍य को तबाह कर सकता है. आरएस-18 मिसाइल सोवियत डिजाइन पर आधारित एसएस-18 की जगह लेगी. एसएस-18 दुनिया की सबसे भारी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है.