नई दिल्ली. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने बुधवार 13 जनवरी को वायुसेना में 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों की एंट्री का रास्ता साफ कर दिया. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाए गए इन विमानों के लिए 48 हजार करोड़ रुपए की डील की गई है. ये भारत की अब तक की सबसे बड़ी स्वदेशी रक्षा खरीद है.

मार्च 2020 में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 83 अडवांस्ड मार्क 1ए वर्जन तेजस विमान की खरीदारी की बात पर मुहर लगाई थी. अब पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने इस डील को फाइनल कर दिया है.

रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है-पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली एचएएल ने आज ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी स्वदेशी रक्षा डील अनुमोदित कर दी है. ये डील 48 हजार करोड़ रुपए की है. इससे हमारी वायुसेना के बेड़े की ताकत स्वदेशी एलसीए तेजस के जरिए मजबूत होगी. भारत की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के लिए ये डील गेम चेंजर साबित होगी.

उन्होंने लिखा कि तेजस विमान आगामी वर्षों में भारतीय वायुसेना के लिए बैकबोन साबित होने जा रहे हैं. एचएएल ने अपनी सेकंड लाइन मैन्यूफैक्चरिंग सेट अप की शुरुआत नाशिक और बेंगलुरु डिविजन में शुरू कर दी है.

गौरतलब है कि ये डील पहले की गई 40 लड़ाकू विमानों की डील से अलग है. ये विमान अगले छह से सात सालों में देश की वायुसेना में शामिल किए जाएंगे.