नई दिल्ली. इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे. कोरोना की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है. साल 1966 के बाद पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की स्थिति के कारण गणतंत्र दिवस पर किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया गया है.

मोदी सरकार ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर मुख्य अतिथि के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया था. इस आमंत्रण को जॉनसन ने स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले सामने आने के बाद उन्होंने भारत का दौरा रद्द कर दिया. इस संबंध में उन्होंने खुद फोन कर पीएम मोदी को जानकारी दी थी.

वहीं डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जॉनसन ने योजना के अनुसार इस महीने के आखिर में होने वाली अपनी भारत यात्रा पर नहीं जा सकने के लिए खेद प्रकट करने के लिए आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात की.

प्रवक्ता ने कहा कि बीती रात घोषित राष्ट्रीय लॉकडाउन के आलोक में और कोरोना वायरस के नए प्रकार के फैलने की गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके लिए यह जरूरी है कि वह ब्रिटेन में मौजूद रहें, ताकि वह वायरस के खिलाफ घरेलू प्रतिक्रिया पर ध्यान दे सकें.

गौरतलब है कि ऐसा चौथी बार होगा कि जब भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी विदेशी मुख्य अतिथि नहीं होगा. इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है. वहीं कई बार ऐसे मौके भी आए जब देश के गणतंत्र दिवस समारोह में दो-दो अतिथि भी शामिल हुए. साल 1956, 1968 और 1974 में दो-दो मुख्य अतिथि शामिल हुए.