जबलपुर. कोविड-19 की वैक्सीन आने पर सबसे पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन पर रहे लोगों को लगाने का फैसला किया गया है. मगर इसी बीच रेलवे कर्मचारी भी कह रहे हंै कि वह सभी भी फ्रंट लाइन पर रहे है. इसलिए उन्हें भी इसी में शामिल किया जाए.

क्योंकि कोविड-19 के दौरान स्पेशल गाडिय़ां चलने पर कर्मचारी लगातार डयूटी देते रहे है. कर्मचारियों की ओर से रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर, वाशिंग लाइन, मालगाडिय़ों और गाड़ी के अंदर भी पूरी डयूटी निभाई है.

ऐसे में देश के रेलवे कर्मचारी भी इसके हकदार है कि उन्हें फ्रंट लाइन में रखा जाए. इसके लिए वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन की ओर से मांग उठाई जा रही है, क्योंकि मालगाडिय़ों का स्टाफ एक भी दिन घर पर नहीं बैठा था. ताकि सप्लाई चेन बनी रही.

कर्मचारियों ने बिना परवाह किए डयूटी निभाई
डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि जिस समय कोविड-19 पूरा पीक था तो कर्मचारी लगातार बिना परवाह किए अपनी डयूटी निभा रहे थे. अब उन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए. पूरे देश में सप्लाई चेन को बनाए रखने में रेलवे कर्मचारियों का अहम रोल रहा है. ऐसे में उन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए. 

डबलूसीआरईयू के जबलपुर मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने कहा कि बहुत सारे दूसरे राज्यों से आए लोगों को वापिस भेजने के लिए सरकार ने आपात समय में गाडिय़ां चलाई थी. रोजाना सैकड़ों लोगों को सुरक्षित उनके घरों को भेजा जाता रहा है. पूरा रेलवे स्टेशन अपनी डयूटी पर तैनात था.

इसलिए रेलवे कर्मचारियों का भी हक बनता है कि उन्हें फ्रंट लाइन में रखा जाए. सरकार को इन सब की चिंता करना चाहिए और कोरोना वैक्सीन पहले चरण में उपलब्ध कराए.