प्रदीप द्विवेदी. कहते हैं, राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या सियासी दुश्मन नहीं होता है, लेकिन दलबदल 2020 ने विचित्र सियासी तस्वीर बना दी है.

हालत यह है कि इस वक्त एमपी में कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का तो सियासी सिक्का चल रहा है, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको हराने वाले बीजेपी सांसद को देश के बीजेपी कार्यकर्ता भी ठीक से नहीं पहचानते हैं, कई तो उनका नाम तक नहीं जानते हैं.

सियासी चर्चा है कि केन्द्र में अगले मंत्रिमंडल के विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो जगह मिल जाएगी, लेकिन उनको हराने वाले बीजेपी सांसद केपी यादव को शायद ही मंत्री बनाया जाए.

केपी यादव के जन्मदिन के मौके पर जब उन्हें एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बधाई दी तो एक बार फिर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई. 

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया का हराने वाले बीजेपी के डाॅ. केपी यादव को जन्मदिन पर बधाई देते हुए लिखा- मध्यप्रदेश के गुना लोकसभा क्षेत्र के सांसद कृष्ण पाल सिंह यादव को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. ईश्वर से आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं.

इसके जवाब में केपी यादव ने भी लिखा- शुभकामनाओं एवं स्नेहाशीष के लिए आपका सह्रदय आभार!

राजनीति में आजकल विचारधारा के बजाय व्यक्तिवाद का असर बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि समर्पित कार्यकर्ता स्वयं को उपेक्षित महसूस करने लगे हैं!  

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