रायपुर. छत्तीसगढ़ में बेकार और बंद खदानों को जल भंडारण के स्रोतों के तौर पर विकसित किया जाएगा. सरकार के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इन स्थानों पर मत्स्यपालन समेत अन्य रोजगार परक गतिविधियां चलाई जाएंगी जिनका उद्देश्य स्थानीय लोगों को आजीविका प्रदान करना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि इस बारे में एक महीने के भीतर कार्ययोजना का मसौदा तैयार करें.

अधिकारी के अनुसार बघेल ने राज्य के सूरजपुर जिले में बंद केनापारा कोयला खदान का जिक्र किया जिसे जल संरक्षण स्थल के रूप में विकसित किया गया है. यहां मत्स्यपालन और नौका-विहार जैसी गतिविधियों से स्थानीय लोगों के लिए आय अर्जित करने के साधन विकसित हुए हैं. अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में ऐसी सभी खदानों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है जो अनुपयोगी हैं जिन्हें जलाशयों में बदला जा सकता है.