प्रदीप द्विवेदी. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम का भारत में शुभारंभ हो गया है.

क्या कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीति की शुरूआत बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही नहीं हो गई थी, जब बिहार में फ्री वैक्सीनेशन की बात कही गई थी?

तब यह मुद्दा भी बुलंद हुआ था कि फ्री वैक्सीनेशन केवल बिहार में ही क्यों, सारे देश में क्यों नहीं?

लेकिन, बिहार चुनाव संपन्न हुआ, सत्ता पर कब्ज़ा हुआ और यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया.

इसके बाद सपा, कांग्रेस आदि संगठनों के नेताओं ने ताजा वैक्सीनेशन अभियान को लेकर मोदी सरकार पर सवाल दागने शुरू किए हैं, इनमें से कुछ तो तार्किक हैं और कुछ सियासी, परन्तु मोदी सरकार ने तार्किक सवालों को तो एक तरफ रखा और सियासी सवालों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

याद रहे, कांग्रेसी और गैर-कांग्रेसी विभिन्न सरकारों के 70 साल के कार्यों पर अक्सर पीएम मोदी सियासी निशाना साधते रहे हैं, लेकिन यदि इन 70 वर्षों में देश में हेल्थ नेटवर्क बना ही नहीं होता, तो क्या दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम संभव था?

जाहिर है, हर जनहित के कार्य से सियासी लाभ हासिल करने की प्रवृत्ति और पहले के अच्छे कार्यों को भी नकारने की राजनीतिक आदत ने ही देश के माहौल को पूरी तरह से सियासी बना दिया है.
अब सारी योजनाएं, सारी घोषणाएं केवल और केवल चुनाव और वोट बैंक बनाने के नज़रिए से हो रही हैं.

सबसे मजेदार तथ्य यह है कि मोदी सरकार के पास इस सवाल को कोई जवाब नहीं है कि वह देश के नागरिकों को फ्री वैक्सीन देगी या नहीं.

हालांकि, यदि केन्द्र सरकार फ्री वैक्सीन देती भी है, तो कोई बहुत बड़ा उपकार इसलिए नहीं है कि इससे तो कई गुना ज्यादा पैसा केन्द्र सरकार कोरोना संकट को भी नजरअंदाज करते हुए आमजनता से पेट्रोल-डीजल में वसूल चुकी है.

यदि सारे देशवासियों को फ्री वैक्सीन देना संभव नहीं हो तब भी कमजोर वर्ग के लोगों को तो देनी ही चाहिए, मध्यमवर्ग को तो वैसे भी जेब कटवाने की आदत पड़ चुकी है!

अमेरिका में कोरोना संकट के मद्देनजर हर खाते में एक लाख रुपए दिए जाएंगे और भारत में....

https://www.palpalindia.com/2021/01/16/Delhi-Corona-crisis-America-Relief-Package-one-lakh-rupees-given-every-account-and-India-Farmer-January-26-Tractor-Rally-Rahul-Gandhi-PM-Modi-news-in-hindi-23367.html