पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश के थानों में पांच वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही थाना में जमें अधिकारियों व कर्मचारियों को हटाया जाए, इस आशय का आदेश पुलिस मुख्यालय दिया गया है, इस आदेश के बाद हड़कम्प मचा हुआ है. आदेश में कहा गया है कि 20 फरवरी तक इसका पालन किया जाए, इस आदेश में थानों के सिपाही से लेकर एसआई स्तर के अधिकारी प्रभावित होगें. 

बताया गया है कि एमपी के कई जिलों में सिपाही से लेकर उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी एक ही थानें में पांच वर्ष से ज्यादा की अवधि से जमे हुए है, यहां तक कि पुलिस अधीक्षक ने स्थानान्तरण भी किए तो वे अपनी पहुंच के चलते वापस अपने मनपसंद थानों में पहुंच जाते है, ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देश दिए है कि पांच वर्ष या फिर उससे अधिक की अवधि में थानों में जमे आरक्षक से लेकर उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को हटाया जाए, जिसमें कहा गया है कि निर्देश का कड़ाई से पालन किया जाए. गौरतलब है कि किसी भी थाना में कर्मचारी की एक ही पद पर पदस्थापना सामान्य तौर पर 4 वर्ष तथा अधिकतम पांच वर्ष से जयादा नहीं हो सकती है.

किसी भी कर्मचारी को उपरोक्त अवधि की पदस्थापना पूर्ण होने के बाद उन्हे उस पद पर उसी थाना ें में पदस्थ नहीं किया जा सकता है, किसी भी कर्मचारी की पृथक पदों पर किसी एक थाना में पुन पदस्थापना में कम से कम तीन वर्ष का अंतर जरुरी है, इसी तरह आरक्षक से उपनिरीक्षक के पद पर किसी भी कर्मचारी की एक ही अनुभाग में विभिन्न पदों पर कुल पदस्थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होगी. सेवाकाल में स्थानान्तरण के साथ साथ अटैचमेंट की समय अवधि भी शामिल रहेगी, सभी अपने अपने जिले के प्रत्येक थाना में पदस्थ आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक की पदस्थापना के सेवाकाल का परीक्षण कर निर्देशों का कड़ाई से पालन 20 फरवरी तक करके मुख्यालय में प्रस्तुत करें. गौरतलब है कि जबलपुर में वर्तमान में 1651 आरक्षक है, 1067 की कमी है, यहां पर भी कई आरक्षक एक ही थाना में लम्बे समय से पदस्थ है, जिसपर अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया है.