नई दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान समेत रेलवे के तीन अधिकारियों, एक निजी कंपनी के कर्मचारी और महेंद्र सिंह चौहान के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है. ध्यान रहे कि सीबीआई ने रेलवे में तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर ठेके आदि दिलाए जाने के मामले में रविवार को 26 जगहों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान देहरादून में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के रिश्तेदार को एक करोड़ रुपये की नकद रिश्वत देते हुए एक कंपनी के कर्मचारी और उसके रिश्तेदार को हिरासत में लिया था. सीबीआई के इतिहास में एक ही छापेमारी के दौरान बरामद हुई रिश्वत की रकमों में ये ऐतिहासिक बड़ी रकमों से एक है.

इन्हें किया गया है गिरफ्तार, दिल्ली लाया जा रहा

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है, उनमें उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे परियोजना टू के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान, उप प्रमुख अभियंता हेमचंद बोरा, सहायक अधिशासी अभियंता लक्ष्मीकांत वर्मा के अलावा एक निजी कंपनी एबीसीआई का कर्मचारी भूपेंद्र रावत और महेंद्र सिंह चौहान का रिश्तेदार इंदिरा सिंह शामिल हैं. सीबीआई के मुताबिक इन लोगों की गिरफ्तारी देहरादून, मालेगांव और अगरतला से हुई है और इन सभी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली लाया जा रहा है, जहां इनसे आगे की पूछताछ की जाएगी.

इन अफसरों के यहां मिली लाखों की नगदी

सीबीआई के मुताबिक इनमें उप प्रमुख अभियंता हेमचंद के यहां मारे गए छापे के दौरान 18 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी और सहायक अधिशासी अभियंता लक्ष्मीकांत वर्मा के यहां मारे गए छापे के दौरान साढे छह लाख रुपये से अधिक की धनराशि बरामद हुई है. इसके अलावा छापेमारी में सोने-चांदी के जेवरात और संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. सीबीआई के मुताबिक अधिकारियों को सूचना मिली थी कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कुछ वरिष्ठ सार्वजनिक अधिकारी उत्तर पूर्वी सीमांत रेलवे में चल रही परियोजनाओं के लिए निजी ठेकेदारों को तमाम नियम कानून कायदे ताक पर रखकर ठेके दे रहे थे. यह भी आरोप है कि इन लोगों के लाखों रुपये के फर्जी बिल भी पास किए जा रहे थे.

ठेका दिलाने के नाम पर हो रही थी वसूली

आरोप के मुताबिक ठेके दिए जाने और अन्य कामों के बदले इन लोगों से अधिकारी रिश्वत वसूल कर रहे थे और ऐसे ही रिश्वत की एक बड़ी रकम एक करोड़ रुपये 1985 बैच के वरिष्ठ रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान की देहरादून स्थित आवास पर लाई गई थी. आरोप के मुताबिक यह पैसा भूपेंद्र रावत नाम का शख्स जो कि एक प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी है, लेकर आया था और यह रकम इंदिरा सिंह जो कि महेंद्र सिंह चौहान के रिश्तेदार बताए जाते हैं, उन्हें सौंपा था.

कई और अफसरों के नाम हो सकते हैं उजागर

सीबीआई ने इस मामले में देहरादून से लगभग 40 किलोमीटर दूर विकासनगर में और एक गांव में भी छापेमारी की. सीबीआई के मुताबिक अब इन सभी लोगों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली लाया जा रहा है, जहां इनसे ही जानने की कोशिश की जाएगी कि इन लोगों ने कितने ठेके ऐसे ही प्राइवेट कंपनियों को दिए थे और भ्रष्टाचार के इस चक्र में रेलवे के और कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं. साथ ही सीबीआई इन गिरफ्तार सभी सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों को भी खंगालेगी कि कहीं इन लोगों ने भ्रष्टाचार के पैसों से आय से अधिक संपत्ति तो नहीं बना ली है, फिलहाल मामले की जांच जारी है.