पलपल संवाददाता, पन्ना. मध्यप्रदेश के पन्ना जिले अजयगढ़ में निर्माणाधीन मकान में स्टे लगाने की धमकी देकर एक लाख रुपए की रिश्वत ले रहे तहसीलदार को आज सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया. अजयगढ़ रेस्ट हाउस के कमरा नम्बर तीन में की गई कार्यवाही से हड़कम्प मच गया, इस बीच तहसीलदार ने अपने आप को बचाने के लिए रुपया फेंककर बचने की कोशिश भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 

लोकायुक्त टीम के अधिकारियों ने बताया कि अंकित  पिता राजकुमार मिश्रा का अजयगढ़ पन्ना में एक प्लाट है, जिसपर मकान के निर्माण का काम चल रहा है, इस बात की खबर मिलते ही प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी ने अंकित को आफिस बुलाया और मकान में निर्माण पर स्टे लगाने की धमकी देते हुए एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की, अंकित ने प्लाट संबंधी सभी जरुरी कागजात दिखाए, इसके बाद भी तहसीलदार रुपयों की मांग कर रहा था.

यहां तक कि पीडि़त अंकित मिश्रा ने 50 हजार रुपए तक देने के लिए कहा लेकिन तहसीलदार नही माना, जिसपर अंकित ने इस बात की शिकायत सागर लोकायुक्त एसपी से की, इसके बाद अंकित ने प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी  को रुपए देने की बात कही, तहसीलदार उमेश तिवारी के बताए अनुसार आज सुबह 10.30 बजे के लगभग अंकित एक लाख रुपए लेकर अजयगढ़ स्थित रेस्ट हाउस के कमरा नम्बर तीन में पहुंचा, जहां पर उमेश तिवारी पहले से ही बैठे रहे, जैसे ही अंकित ने तहसीलदार उमेश तिवारी को एक लाख रुपए दिए, तभी लोकायुक्त टीम के अधिकारियों ने दबिश देकर तहसीलदार को रंगे हाथ पकड़ लिया, लोकायुक्त टीम को देखते ही प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी ने  रुपए फेंकते हुए अपने आप को निर्दोष साबित करने की कोशिश की, यहां तक कि विवाद पर उतारु हो गए, लेकिन अधिकारियों ने उन्हे कानूनी कार्यवाही में दखल न देने का कहते हुए हाथ धुलवाए तो नोटों में लगा रंग उनके हाथ से छूटने लगा, प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी के एक लाख रुपए की रिश्वत लेने की खबर से हड़कम्प मच गया था.