पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित नेपियर टाउन चंदनवन के पास फुटपाथ पर फ्राक पहने दो वर्षीय बालक को 15 दिन बाद तलाश करते हुए मां आ गई, अपने बच्चे को पाकर मां की खुशी का ठिकाना नही रहा, ऐसा कहा जा रहा है कि बच्चे को रेलवे स्टेशन से किसी ने अपहरण कर लिया था. पुलिस ने कार्यवाही के बाद बच्चे को मां के सुपुर्द कर दिया है. 

बताया जाता है कि चंदन वन नेपियर टाउन के पास 17 जनवरी को फुटपाथ पर एक रिक्शा वाला दो वर्षीय मासूम बच्चे को छोड़कर चला गया, बच्चा रोता बिलखता रहा, इस दौरान कालेज के छात्र नमन चौकसे व उसके साथियों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी, जिसपर ओमती थाना के एसआई सतीष झारिया आरक्षक वीरेन्द्रसिंह तत्काल मौके पर पहुंच गए और बच्चे को शासकीय अस्पताल में डाक्टर को दिखाने के बाद मातृछाया भेज दिया था, इसके बाद बच्चे के परिजनों की तलाश शुरु कर दी.

वहीं दूसरी ओर बच्चे की मां सुमन विश्वकर्मा बच्चे की तलाश में दर-दर भटकती रही, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका, इस बीच सुमन के बेटे को पता चला कि जबलपुर में फुटपाथ पर दो वर्ष का बच्चा मिला है, जिसपर पुलिस को सूचना दी, इसके बाद सुमन विश्वकर्मा जबलपुर पहुंची और ओमती थाना पुलिस की मदद से मातृ छाया पहुंची जहां पर अपने बेटे को पाकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. 

एक जनवरी को जबलपुर में इलाज कराने आई थी महिला-

पुलिस को पूछताछ में सुमन विश्वकर्मा निवासी ग्राम चिचली जिला नरसिंहपुर ने बताया कि उसके पति राकेश विश्वकर्मा गांव गांव घूमकर सिलाई मशीन सुधारने का काम करते है, जिसके चलते अधिकतर बाहर ही रहते है, एक जनवरी को इलाज कराने के लिए सुमन अपने दो वर्षीय बेटे को लेकर जबलपुर आई थी, दो जनवरी को रेलवे स्टेशन पहुंची और रात में ट्रेन न मिलने के कारण वहीं रुक गई, इस दौरान किसी ने बच्चे का अपहरण कर लिया था.

बच्चे के लापता होने पर बदहवास सी जबलपुर में ही 16 जनवरी तक इधर से उधर घूमती रही, उसने पुलिस में भी शिकायत नहीं की थी. 

कई सवाल भी खड़े हो गए-

दो वर्षीय बच्चा पवन भले ही अपनी मां सुमन के पास पहुंच गया हो लेकिन एक सवाल भी है कि आखिर रेलवे स्टेशन से बच्चे को किसी अगवा किया, इसके बाद वह बच्चे को फुटपाथ पर छोड़कर क्यों भाग गया है, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की भी जांच की जा रही है. 

इन्हे आईजी ने किया सम्मानित-

इस मामले में ओमती थाना के एसआई सतीष झारिया व आरक्षक वीरेन्द्र सिंह की सराहनीय भूमिका रही, जिन्होने मासूम को सुरक्षित मातृ छाया में पहुंचाने और फिर उसकी मां से मिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, दोनों को आईजी भगवत सिंह चौहान ने एक हजार रुपए के नकद ईनाम व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.