आजकल लोग UPI के जरिए पेमेंट्स का ज्यादा करने लगे हैं. क्योंकि यह इंस्टैंट पेमेंट होती हैं. यह तरीका यूजर्स के लिए काफी उपयोगी साबित होता है. हालांकि, यह तरीका जिसका फायदेमंद है उतना ही धोखाधड़ी से भरा हुआ भी है. ऐसे में आपके लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपने पैसे को UPI भुगतान से जुड़े धोखाधड़ी से कैसे सुरक्षित रखें. क्योंकि आजकल साइबर क्रिमिनल काफी शातिर हो गए हैं.

यूजर्स को फंसाने के लिए हैकर्स कई तरह के तरीके अपना रहे हैं. ऐसे में हमें सावधान रहने की जरुरत है. साइबर क्रिमिनल्स विशेष रूप से वित्तीय लेन-देन की धोखाधड़ी करने के लिए डिजिटल रास्ता अपना रहे हैं. कई बैंकों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहकों को चेतावनी देते हुए एडवाइजरी जारी की है जिसमें लोगों को सेफ बैंकिंग की टिप्स दी गई हैं. UPI प्लेटफॉर्म के जरिए कई तरह के फ्रॉड्स होने की संभावना बनी रहती है. इनके बारे में यूजर्स को पता होना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको 4 तरह के फ्रॉड्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

1. फिशिंग स्कैम्स:

फ्रॉडस्टर्स, यूजर्स को एसएमएस के जरिए अनधिकृत पेमेंट का लिंक भेजते हैं. इनमें फेक URL मौजूद होता है. अगर फ्रॉडस्टर द्वारा भेजे गए इस लिंक पर यूजर क्लिक कर देते हैं तो यह आपको आपके फोन में मौजूद किसी भी UPI ऐप को सेलेक्ट करने के लिए कहता है और उस पर रिडायरेक्ट कर देता है. जैसे ही आप परमीशन दे देते हैं तो आपके अकाउंट से राशि अपने आप डेबिट हो जाती है.

2. रिमोट स्क्रीन मिररिंग टूल:

आजकल वर्क फ्रॉम होम का चलन शुरू हो गया है. ऐसे में आजकल लोग रिमोट स्क्रीन मिररिंग टूल्स डाउनलोड करते हैं जिससे उनके फोन को लैपटॉप के साथ कनेक्ट किया जा सकता है. Google Play या App स्टोर पर मौजूद सभी ऐप्स वेरिफाइड या प्रामाणिक नहीं होती हैं. ऐसे में एक बार जब आप एक अनवेरिफाइड ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो यह आपके फोन से पूरी जानकारी ले लेता है और डिवाइस पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेते हैं. इससे आपकी जानकारी समेत आपके पैसे को भी चुराया जा सकता है.

3. UPI का सोशल मीडिया पर गलत इस्तेमाल करना:

कई बार लोग NPCI, BHIM, बैंक या किसी सरकारी संस्थानों जैसे नामों से सोशल मीडिया पेज बना लिए जाते हैं. लोग इन्हें सही भी मान लेते हैं. नकली UPI ऐप के जरिए से आपके अकाउंट की डिटेल्स को रिवील करने के लिए इस तरह तरह अकाउंट हैंडल्स फ्रॉडस्टर्स द्वारा बनाए जाते हैं.

4. OTP, UPI PIN द्वारा किए जाते हैं स्कैम्स:

जब भी किसी UPI ऐप के जरिए आप पेमेंट करते हैं तो या तो आप OTP का चयन करते हैं या फिर UPI पिन का. OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए बैंक आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजता है. इसे एंटर करने के बाद ही आपकी पेमेंट पूरी होती है. ऐसे में अगर आपके फोन पर किसी फ्रॉडस्टर्स ने नियंत्रण कर रखा है तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

सरकारी एजेंसियां, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान किसी भी व्यक्ति से SMS के जरिए कोई भी वित्तीय जानकारी नहीं मांगते हैं. अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी होता है या आपसे इस तरह की कोई जानकारी मांगी जाती है तो आप बैंक या ई-वॉलेट फर्म को इसकी सूचना दे सकते हैं. साथ ही पुलिस या साइबर क्राइम सेल को भी इस मामले की जानकारी आप दे सकते हैं. वहीं, किसी भी तरह की असत्यापित ऐप को डाउनलोड न करें. साथ ही किसी भी अनाधिकृत लिंक पर क्लिक न करें.