भोपाल. प्यारे मियां यौन शोषण मामले में बुधवार को हाथरस जैसा कांड होता दिखाई दिया.  बुधवार को नाबालिग की मौत के बाद गुरुवार को पुलिस की निगरानी में दोपहर करीब 1.30 बजे पुलिस की निगरानी में उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. इस केस में गौर करने वाली ये है कि नाबालिग इस केस की न तो आरोपी थी और न ही अपराधी. वह केवल पीड़िता और फरियादी थी.

जानकारी के अनुसार पुलिस नाबालिग के शव को हमीदिया अस्पताल से सीध श्मशान ले गई. हालांकि, मर्चुरी में पीडि़ता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की, लेकिन पुलिस नहीं मानी. इस बीच बैरागण एसडीएम मनोज उपाध्याय ने हमीदिया पहुंचकर परिजनों को दो लाख रुपए का चेक दिया. इसके बाद हबीबगंज सीएसपी भूपेंद्र सिंह ने पिता और चाचा को शव वाहन में बैठाकर विश्राम घाट रवाना कर दिया. बताया जाता है कि इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम नाबालिग के घर गई और कुछ और महिलाओं को विश्राम घाट ले आई.

मां ने जब बेटी के शव को देखा तो वे स्तब्ध रह गईं. उनकी आंखें खुलीं थीं और जुबां थमी हुई थी. थोड़ी देर बाद वह बेहोश हो गईं. बाद में चेहरे पर पानी के छींटे छिड़के, तब उन्हें होश आया. दरअसल बुधवार को बेटी की मौत की खबर मां को इसलिए नहीं दी गई थी कि कहीं उन्हें सदमा न लग जाए. दूसरी ओर, बालिका संरक्षण गृह में रह रहीं अन्य 4 बच्चों के परिजन अब डर गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन बच्चियों का ख्याल रखा जाए, कहीं इनके साथ कोई हादसा न हो जाए.

इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पूरी घटना की मजिस्ट्रियल जांच कलेक्टर के आदेश पर एडीएम के निर्देश में की जाएगी. जानकारी के अनुसार जहां घटना घटी वहां कोई सीसीटीवी नहीं है. इसलिए पास से सटे और सामने के मकानों में लगे कैमरे को जांचा जाएगा. वहां के सीसीटीवी फुटेज निकालने के बाद अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध दिखता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि प्यारे मियां यौन शोषण मामले में 5 फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग को नींद की गोलियां खा लेने के कारण सोमवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. सूचना मिलते ही नाबालिग के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए थे. उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे.

मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए थे. पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी थी. इसमें एक अन्य नाबालिग लड़की के बयान भी लिए गए. जिसके बाद उसकी भी तबीयत खराब हो गई. उसे जेपी अस्पताल ले जाया गया. यहां पर तीन घंटे भर्ती करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.