नई दिल्ली. किसानों का आंदोलन आज लगातार 61वें दिन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है. इस बीच आज किसानों के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान में किसानों की रैली हुई. इसरैली में पहुंचे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा राज्यपाल नहीं मिले हैं. किसान आज मुंबई में हैं, लेकिन राज्यपाल गोवा चले गए. राज्यपाल को कंगना रनौत से मिलने का वक़्त है लेकिन किसानों से मिलने का वक़्त नहीं है.

पवार ने कहा कि मुंबई शहर के देश का महत्वपूर्ण शहर है आज़ादी की लड़ाई में भी मुंबई की अहम भूमिका थी. ये लड़ाई आसान नहीं है. जिनके हाथो में सरकार है उन्हें किसानों की कोई चिंता नहीं है. इतने दिनो से किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन पीएम मोदी ने अभी तक किसानों की खबर तक नहीं ली.

क्या किसान पाकिस्तान के हैं?

पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा, 2003 में क़ानून पर चर्चा शुरू हुई थी. जब हमारी सरकार आई तो मैं कृषि मंत्री था मैंने खुद सभी राज्यों के कृषि मंत्रियो की बैठक की. उसके बाद एनडीए की सरकार आई उन्होंने इस क़ानून पर चर्चा नहीं किया और क़ानून पास कर दिए.

उन्होंने कहा, गुलाम नबी आज़ाद (कांग्रेस नेता) ने भी कहा कि किसानों के हित में बात रखनी है. विपक्ष ने सलेक्ट कमेटी के पास बिल को भेजने की विनती की लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी. पवार ने कहा, बाबा साहब अम्बेडकर ने जो संविधान दिया है उसका सीधा सीधा अपमान मोदी सरकार ने किया. इसलिए इस क़ानून का हम विरोध कर रहे हैं. किसान का कहना है कि पहले क़ानून रद्द करो उसके बाद क्या चर्चा करनी है उसके लिए सभी तैयार हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से हजारों किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दक्षिणी मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित एक रैली में हिस्सा लेने आए हैं. ऑल इंडियास किसान सभा का कहना है कि प्रदर्शनकारी राज भवन तक मार्च करेंगे और विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल बी एस कोश्यारी को ज्ञापन सौंपेंगे.