नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) का विलय वित्तीय कारणों से टाल दिया है. मंत्रियों के समूह ने नोएडा में बीएसएनएल की छह हजार वर्गमीटर जमीन को एक लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को बेचने की मंजूरी दे दी.
मालूम हो कि अक्तूबर 2019 में सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी. इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वै\'िछक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने की घोषणा थी. केंद्र सरकार का लक्ष्य दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले ईकाई बनाना है.
एमटीएनएल पर उ\'च ऋण के कारण टाला विलय
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, मंत्रियों के समूह ने एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय को मुख्य रूप से एमटीएनएल पर उ\'च ऋण के कारण टाल दिया है. &1 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के परिणाम के अनुसार, बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल देनदारियां क्रमश: 87,618 करोड़ रुपये और &0,242 करोड़ रुपये थीं. दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को मुंबई और दिल्ली के दूरसंचार सर्किल में काम करने के लिए लाइसेंस दिया है, जहां पहले से ही एमटीएनएल का परिचालन है.
ईबीआईटीडीए पॉजिटिव हुईं दोनों कंपनियां
हालांकि बीएसएनएल और एमटीएनएल साल 2015-16 के बाद वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में एक बार फिर ईबीआईटीडीए्र पॉजिटिव श्रेणी में आ गईं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि दोनों कंपनियों की स्थिति में यह परिवर्तन रिवाइवल योजना (पुनरुद्धार की योजना) को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से अनुमति मिलने के एक साल के अंदर आया है. घाटे के संकट से जूझ रही इन कंपनियों के लिए यह राहत की खबर है.
92,956 कर्मचारियों ने चुना वीआरएस का विकल्प
सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कंपनियों के कुल 92,956 कर्मचारियों ने स्वै\'िछक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प चुना और वे &1 जनवरी 2020 को सेवानिवृत्त हो गए. समीक्षा में कहा गया कि, \'बीएसएनएल और एमटीएनएल के वेतन व्यय में क्रमश: लगभग 50 फीसदी (लगभग 600 करोड़ रुपये प्रति माह) और 75 फीसदी (लगभग 140 करोड़ रुपये प्रति माह) की कमी हुई है. दोनों का ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर, विमूल्यन और लोन देने से पहले की आय) 2020-21 की पहली छमाही में सकारात्मक हो गया.