नई दिल्ली. भारत के कई हिस्सों में बहुत से सामाजिक वर्गों पर आज भी अंधविश्वास हावी है. देश में कई ऐसी परंपराएं हैं, जिन्हें सुन कर या देख कर लोग हैरान रह जाते हैं. ऐसी ही एक अजीबोगरीब परंपरा देखने को मिली है ओडिसा की हो जनजातियों में. ओडिशा के मयूरभंज जिले में हो जनजाति की एक परंपरा भी अंधविश्वास से जुड़ी हुई है. यहां दो बच्चों की शादी कुत्ते से कर दी गई. इसके पीछे की वजह बस इतनी थी कि इन बच्चों के ऊपर के दांत पहले आ गए थे.
ओडिशा में प्रचलित है अजीबोगरीब परंपरा
ओडिसा की इस जनजाति में बच्चों के यदि ऊपर के दांत पहले आ जाएं तो उनकी शादी कुत्तों से करवा देने की परंपरा है. ऊपर के दांत पहले आना इस प्रजाति की परंपरा में अपशगुन माना जाता है. यदि किसी लड़के के ऊपर के दांत पहले आएं तो मादा और लड़की हो तो नर पिल्ले के साथ शादी की जाती है. इस जिले के सुकरौली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गम्भरिया गांव में दो परिवारों ने अपने बेटों की शादी एक मादा कुत्ते से कर दी क्योंकि दोनों बच्चों के ऊपर के दांत आने शुरू हो गए थे.
पीढिय़ों से चली आ रही है परंपरा
डेबेन चत्तर और नोरेन पूर्ति ने अपशगुन को दूर करने के लिए इस परंपरा का का पालन किया. इस अजीबोगरीब परंपरा को मकर संक्रांति से शिवरात्रि के बीच पूरा किया जाता है. इस समुदाय में यह परंपरा कई पीढिय़ों से चल रही है. पूर्ति ने गांव में अपने बेटे का विवाह समारोह आयोजित किया. इसमें दोनों बच्चों को दूल्हा और मादा कुत्ते को दुल्हन के रूप में ट्रीट किया गया. इस समारोह में गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए थे. इतना ही नहीं, इस विवाह को बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया था.
जागरूक करने के लिए पुलिस उठाएगी कदम
मयूरभंज के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाएंगे. गौरतलब है कि ओडिशा के कुछ समुदायों में कुत्ते के अलावा पेड़ से शादी कराने की भी परंपरा है. इतना ही नहीं, ये क्षेत्र अपनी कई अजीबोगरीब परंपराओं के लिए समय-समय पर चर्चा में रहता है.