नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराये जाने का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू लापता बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता से एक्टिविस्ट बने दीप सिद्धू, पुलिस और किसान नेताओं के सामने से गायब हो गया है.
बुधवार को सिद्धू के दो वीडियो सामने आए थे, जिसमें वह एक मोटरबाइक से भागता दिख रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के पदाधिकारी सिद्धू को खलनायक के रूप में पेश कर रहे हैं. यहां तक कि उसे RSS का एजेंट भी कह रहे हैं. 10 दिसंबर को सिद्धू ने किसानों यूनियनों के \'हां या नहीं\' वाले रुख से हटने की वकालत करते हुए कहा था कि राजनीतिक कूटनीति का रास्ता बंद नहीं होना चाहिए.
सिद्धू जनता की नजरों में तब आए थे जब कुछ महीनों पहले किसानों का आंदोलन जोर पकड़ रहा था. अक्टूबर के पहले हफ्ते, उन्होंने पटियाला में शंभू बैरियर - पंजाब और हरियाणा के बीच सीमा पर मोर्चा शुरू किया. इसके बाद कुछ वीडियो वायरल हुए जिसके बाद सोशल मीडिया पर उसके फैन्स बन गए. इनमें से कई समर्थक मंगलवार की घटना के बाद भी सिद्धू के साथ खड़े हैं. उनका कहना है कि सिद्धू को मीडिया और किसानों की यूनियनों द्वारा बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
सिद्धू और यूनियनों के बीच हमेशा कुछ तनातनी थी. ऐसा लगता है कि पिछले दो महीनों में यह तनातनी कम नहीं हुई बल्कि बढ़ी. 10 दिसंबर को एक फेकबुक लाइव में सिद्धू ने \'कम्युनिस्ट यूनियनों\' पर आरोप लगाया कि वह इसके जरिए से वाम राजनीति को आगे बढ़ाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. हालांकि ट्रोल होने के बाद उन्होंने अगले दिन माफी मांगी. उस वक्त उन पर आरोप लगा कि वह आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं.