ऐक्टर:रिचा चड्ढा,मानव कौल,अक्षय ओबेरॉय,सौरभ शुक्ला,सुब्रज्योति

डायरेक्टर : सुभाष कपूर

श्रेणी:Hindi, ड्रामा

अवधि:2 Hrs 10 Min

तमाम विवादों के बीच निर्देशक सुभाष कपूर की फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर थिएटर में रिलीज हुई है. हालांकि फिल्म की शुरुआत में ही एक बड़ा-सा डिसक्लेमर दिया गया है कि फिल्म की कहानी, घटनाएं और पात्र काल्पनिक हैं. इसमें कोई शक नहीं कि पॉलिटिकल जर्नलिस्ट रहे सुभाष कपूर दलित महिला लीडर के निजी और राजनैतिक जीवन की विषमताओं, विडंबनाओं और ऐश्वर्य को दर्शाने में कामयाब रहे हैं. उनके सधे हुए निर्देशन में रिचा चड्ढा का लाजवाब अभिनय ने \'सोने पर सुहागा\' वाला काम करता है.

कहानी की शुरुआत होती है उत्तर प्रदेश के 1982 के उस दौर से जहां दलित दूल्हे की बारात में ठाकुरों का परिवार महज इसलिए गोलीबारी कर देता है, क्योंकि उस दलित ने ठाकुरों की मौजूदगी में गाजे-बाजे के साथ घोड़ी पर चढ़ने का ऐसा दुस्साहस किया था, जिसका सर्वाधिकार ठाकुर अपने लिए मानते हैं. गोलीबारी में बीच-बचाव करते हुए रूप राम मारा जाता है. उसी वक्त उसके घर एक बेटी पैदा होती है. 

फिल्म का दूसरा सीन 2005 का है, जहां वह बच्ची तारा (रिचा चड्ढा) बेबाक, बिंदास, निडर और पढ़ी-लिखी टॉम बॉयश लड़की के रूप में जवान हो चुकी है. दलित नेता मास्टरजी (सौरभ शुक्ला) उसे अपनी पॉलिटिकल पार्टी में शामिल कर लेता है. उसके बाद तारा के एक आम लड़की से उत्तर प्रदेश की सीएम बनने तक का सफर शुरू होता है. 

निर्देशक सुभाष कपूर का निर्देशन कसा हुआ है. वे चरित्रों को कहानी और विषय के अनुरूप गढ़ने में सफल रहे हैं. सेकंड हाफ में राजनितिक दांव-पेंच के बजाय तारा के व्यक्तिगत जीवन पर फोकस किया गया है.

इस क्रूर राजनैतिक ड्रामा को दर्शनीय बनाता है रिचा चड्ढा का दमदार अभिनय. अगर यह कहा जाए कि यह रिचा के करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस है, तो गलत न होगा.