पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग स्थित नेशनल पार्क में बाघिन की मौत के बाद छिंदवाड़ा रेज पेंच टाइगर रिजर्व में अब बाघ की मौत की मौत से हड़कम्प मच गया है, पेंच में बाघ की मौत को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है. हालांकि पेंच के कोर एरिया में बाघ की मौत को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छिंदवाड़ा की गुमतरा रेंज में थयेपानी नाला के पास एक बाघ को मृत हालत में देखा गया, जिसपर वन अधिकारी टीम सहित पहुंच गए, जिन्होने देखा कि बाघ के सभी अंग सुरक्षित रहे, इसके बाद आसपास के क्षेत्र में जांच शुरु कर दी गई कि कहीं किसी ने बाघ का शिकार तो नहीं किया है, हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, इसके बाद परीक्षण के लिए बाघ में जरुरी अंगों को लैब में सुरक्षित रखवाकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. 

इसके पहले 19 दिसम्बर को भी मादा तेंदुआ का शव मिला था, जिसे लेकर यही कहा जा रहा था कि तेंदुआ का शिकार किया गया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में दो साल की बाघिन की भी मौत हो चुकी है, उसके गले में भी वायर का फंदा मिला है, जिसे देख यही कहा जा रहा है बाघ का शिकार करने के लिए फंदा डाला गया है, हालांकि अभी तक वन विभाग इस मामले किसी पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाया है.

एमपी में एक साल में 26 बाघ की मौत-

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र में एक वर्ष में 26 बाघ की मौत हो चुकी है, इसमें 21 मौत बाघ अभ्यारणों में हुई है इसके अलावा अन्य जंगलों में बाघ की मौत हुई है. लगातार हो रही बाघों की मौत ने कान्हा, बांधवगढ़ व पेंच टाइगर रिजर्व की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिए है.