राहु का प्रभाव जीवन में बुरा समय आने के ये हैं संकेत, कुछ मामलों में अत्यधिक लाभ भी देता है ये क्रूर ग्रह मनुष्य जीवन में भविष्य को लेकर जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन ज्योतिष को माना जाता है. ज्योतिष को विज्ञान माना जाता है. दरअसल इसमें होने वाली गणनाएं ही इसे विज्ञान का दर्जा देती है. ऐसे में जहां कुछ लोग इस पर विश्वास करने से कतराते हैं,वहीं कुछ इस पर आंख बंद कर विश्वास भी करते हैं.
इस संबंध में जानकारों का मानना है कि जैसे सूर्य या चंद्र सीधे तौर पर प्रत्यक्ष रूप में पृथ्वी पर अपना प्रभाव डालते हैं. वैसे ही अन्य ग्रह भी मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं. इस संबंध में ग्रहों का प्रभाव पृथ्वी पर लोग ज्वार भाटा के रूप में बताते हैं.
ज्योतिष के इन्हीं 9 ग्रहों में से एक राहु भी व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक असर डालने वाला माना गया है. राहु के संबंध में कहा जाता है कि यह ग्रह कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर विभिन्न तरह से प्रभाव डालता है.
जिसका असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर भी पड़ता है. यह एक क्रूर ग्रह है, परंतु यदि राहु कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएँ आदि का कारक कहते हैं.
जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में राहु अशुभ स्थान पर बैठा हो, अथवा पीड़ित हो तो यह जातक को इसके नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं. ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है. लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च होता है और धनु राशि में यह नीच भाव में होता है.
27 नक्षत्रों में राहु आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है. ज्योतिष में राहु ग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता है. राहु का रत्न गोमेद है, लेकिन इसे कभी भी किसी जानकार की सलाह के बिना धारण नहीं करना चाहिए.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थित लग्न भाव में राहु होता है वह व्यक्ति सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है. व्यक्ति साहसिक कार्यों से पीछे नहीं हटता है.
लग्न का राहु व्यक्ति को समाज में प्रभावशाली बनाता है. वहीं इसके प्रभाव बहुत हद तक लग्न में स्थित राशि पर निर्भर करता है. इसके अलावा ज्योतिष में लग्न का राहु व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है.
ऐसे समझें राहु को..
ज्योतिष में राहु को बुरा और अशुभ ग्रह माना गया है. लोग राहु का नाम सुनते ही परेशान हो उठते हैं. कुंडली में राहु का असर होने से बीमारियां, परेशानियां और असफलता पीछे लग जाती हैं. आइए जानते हैं कुंडली में राहु के अन्य ग्रहों से युति होने से व्यक्ति के जीवन पर क्या-क्या असर पड़ता है.
राहु ही केतु के साथ योग कर कालसर्प योग का भी निर्माण करता है. ऐसी स्थिति जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में स्थित हो जाए उसे ही कालसर्प योग माना जाता है.
सब ग्रहों पर भारी है राहु!...
राहु और शुक्र
राहु ग्रह के साथ शुक्र की युति से व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो सकता है. व्यक्ति के अंदर से नैतिकता का पतन होने लगता है. व्यक्ति अधर्म के मार्ग पर चलने को विवश हो जाता है. शुक्र के शुभ असर राहु समाप्त कर देता है.
राहु और मंगल
इसे अंगारक योग भी कहते हैं. ये योग भाई के लिए अशुभ रहता है. खून से संबंधित समस्या हो सकती है. वहीं यह भी माना जाता है कि राहु और मंगल दोनों साथ होते हैं तो एक दूसरे को अस्त कर देते हैं.
राहु और गुरु
कुंडली में राहु और गुरु का योग होने से कुछ शुभ तो कुछ अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है. इस योग से व्यक्ति लंबी आयु तक जीवित रहता है, लेकिन इनके जीवन में परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं.
राहु और शनि
कुंडली में अगर किसी के शनि के साथ राहु स्थित है तो ऐसा व्यक्ति रहस्यमयी और चालक किस्म के होते हैं. ये लोग गलत तरीके से बहुत अधिक पैसा कमाते हैं.
राहु और सूर्य
इस योग का प्रभाव बहुत ही अशुभ होता है. पिता पुत्र में विवाद रहता है और परेशानियां आती हैं. वहीं राहु ही सूर्य का ग्रास भी करता है.
राहु और चंद्र
इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक परेशानी आती हैं. व्यक्ति सबसे ज्यादा तनावग्रस्त रहता है.
राहु और बुध
राहु के इस योग से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.
राहु के अशुभ प्रभाव!
1- राहु के अशुभ असर से व्यक्ति को अपमान का दंश झेलना पड़ता है.
2- राहु के अशुभ प्रभाव से किसी काम में व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती.
3 - जब कुंडली में राहु अशुभ होता है व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है.
4 - राहु राजनीति में तो ले जाता है लेकिन बदनामी का कारण भी यही ग्रह होता है.
5- अशुभ राहु के प्रभाव से व्यक्ति की व्यवहार और नैतिकता में लगातार गिरावट आती है.
राहु खराब होने के यह हैं लक्षण
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो यह आपको बुरे प्रभाव देगा. लेकिन समस्या यह है कि आप कैसे पहचानेगे कि राहु दोष है. तो हम आपको बताते है कि किन लक्षणों से आप जान सकते है कि राहु दोष है कि नहीं.
अगर आपके घर-परिवार में बिना बात घर में कलह, हर काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, शत्रु बिना बात परेशान करें, आपकी सेहत ठीक न रहें या फिर आपका सम्मान कोई न करें तो समझ लीजिएं कि आपका कोई ग्रह खराब है.
लक्षण-
1. अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को ले कर ग़लतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोलना साथ ही अगर आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ हौ तो आपके हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं.
2. इसके साथ ही वाहन दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, भोजन में बाल दिखना, अपयश की प्राप्ति, संबंध ख़राब होना, दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता है, शत्रुओं की ओर से परेशान आदि आपकी कुंडली में राहु के खराब होने के संकेत है.
अगर आप इन समस्याओं से परेशान है तो इन उपायों को अपनाकर आप अपनी कुंडली से राहु को शांत कर सकते है.
राहु ग्रह अगर आपकी कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 बार जप करें.
बीजमंत्र: ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः..
राहु के उपाय:
- अपने घर के पूजा-स्थल में राहु यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी विधि-विधान से पूजा करें. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा.
- अगर आपका राहु खराब है तो शनिवार के दिन व्रत करें. इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है.
- साथ ही इस दिन कौए को रोटी खिलाएं. इसके साथ ही ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल खिलाएं.
- राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए.
- राहु की दशा को शांत करने ते लिए सोते समय अपने सिरहाने जौ रखें और सुबह इनका दान कर दें. ऐसा करने से राहु ग्रह शांत हो जाता है.
- माता सरस्वती की पूजा करें. साथ ही रोज ऊं ऐं सरस्वतयै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.
- तांबे के बर्तन में गुड, गेहूं भरकर बहते जल में प्रवाहित करें. इससे भी राहु ग्रह थोड़ा शांत रहता है.
- माता सरस्वती के चरणों में 6 दिन लगातार नीलें रंग के फूल की माला बनाकर चढाएं. इससे आपको काफी लाभ मिलेगा.
- राहु के प्रकोप से बचने के लिए भोजन में लहसुन, प्याज और मसूर न लें. इससे बी राहु ग्रह के दोष में अंतर पड़ता है.
राहु के कारण होने वाली बीमारी और परेशानी:
- गैस की परेशानी
- बाल झड़ना
- पेट संबंधी रोग
- बवासीर
- पागलपन
- यक्ष्मा रोग
- निरंतर मानसिक तनाव
- लगातार सिरदर्द
- व्यक्ति पागल खाने, दवाखाने या जेलखाने तक जा सकता है
- कोई बड़ी बीमारी या मृत्यु तक हो सकती है
राहु को सुधारने के तरीके :-
- भगवान भैरव के मंदिर में रविवार को तेल का दीपक जलाएं.
- हर सोमवार शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
- शराब का सेवन कतई न करें.
- हनुमान और सरस्वती की पूजा करें.
- बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें.
- किसी हनुमान मंदिर में तिल और जौ का दान करें.
- सिर में चोटी वाले स्थान पर बाल बांधकर रखें.
- ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें.
- जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएं.
राहु को सुधारने के ये भी हैं कुछ खास तरीके ....
1. ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें.
2. नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें. शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें.
राहु बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)
3. दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
4. पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं.
5. सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें.
6. एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें.
7. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें.
8. अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं.
9. तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें.
10. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे. ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल, ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा..
इस मंत्र को विशुद्ध उच्चारण के साथ तेज स्वर में पूरी राहु की दशा के दौरान कीजिए.
राहु का शुभ प्रभाव:
1- जातक की कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ही सम्मान प्राप्त करता है. वह हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है.
2- राहु के शुभ होने पर जातक विदेशों की यात्राएं करता है.
3- कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को राजनीति में बहुत ही ऊंचे मुकाम पर ले जाता है.
4- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी नहीं थकता
5- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अचानक से धन लाभ प्राप्त करता है.
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए पं. वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें - 9131735636