नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दरों को लेकर किए गए फैसलों का ऐलान किया. दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी. इस बैठक में इकोनॉमी के मौजूदा स्थिति, लिक्विडिटी की स्थिति और अन्य बिन्दुओं को लेकर व्यापक चर्चा हुई.

आरबीआई की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट और सीआरआर जैसे प्रमुख नीतिगत दरों की समीक्षा की जाती है और उस पर फैसला किया जाता है. आरबीआई गवर्नर ने ऐलान किया कि रिटेल निवेशक अब सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश और ट्रेडिंग के लिए सीधे आरबीआई में अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि टार्गेटेड लॉंग टर्म रेपो ऑपरेशन्स के जरिए अब एनबीएफसी कंपनियों के लिए फंड उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि सीआरआर को दो चरण में रिस्टोर किया जाएगा. पहले चरण में 27 मार्च से 3.5 प्रतिशत का सीआरआर प्रभावी होगा. दूसरे चरण में 22 मई, 2021 से चार प्रतिशत का सीआरआर लागू होगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन पहली तिमाही की तुलना में सुधार के साथ 63.3 प्रतिशत पर रही. पहली तिमाही में यह आंकड़ा 47.3 प्रतिशत पर रहा था. हाल के महीनों में एफडीआई और एफपीआई निवेश में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. यह भारतीय इकोनॉमी में फिर से मजबूत हो रहे विश्वास को दिखाता है.

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 फीसद पर यथावत रखा गया है. इसी तरह रिवसज़् रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर यथावत है. दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसद पर रह सकती है. उन्होंने साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 प्रतिशत के अनुमान को संशोधित कर 5.2-5 प्रतिशत किया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में जीडीपी विकास की दर 8.3-26.2 प्रतिशत के बीच रह सकती है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान जाहिर किया है. आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर संतोष जताया कि महंगाई दर छह फीसद के टॉलरेंस लेवल के नीचे आ गई है. उन्होंने कहा कि रिकवरी के संकेत और बेहतर हुए हैं और ऐसे सेक्टर्स की संख्या बढ़ रही है, जहां चीजें सामान्य हो गई हैं.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रोथ से जुड़े परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय ग्रोथ को बढ़ावा देने को जारी रखने की जरूरत है. अपने पॉलिसी स्टेटमेंट की शुरुआत में उन्होंने कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को चार फीसद पर और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया.

इसके साथ ही मौद्रिक रुख को उदार बनाए रखा गया है. ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, साथ ही रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन, चार और पांच फरवरी को हुई. बैठक में नीतिगत दरों को 4 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया गया.