जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय जबलपुर व मध्य रेलवे मुंबई द्वारा जबलपुर के लोको पायलट व गार्डों से इटारसी की बजाय अब सीधे खंडवा तक ट्रेन ले जाने की तैयारियां की जा रही हैं. इन तैयारियों का डबलूसीआरईयू ने यह कहकर पुरजोर विरोध किया है कि जबलपुर में पदस्थ लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड मशीन नहीं हैं, वे इंसान हैं, लगातार 8 घंटे से ज्यादा ट्रेन चलाने से संरक्षा व सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न होगा.
जबलपुर के रनिंग स्टाफ व डबलूसीआरईयू में उस समय आक्रोश औैर विरोध शुरू हो गया, जब मध्य रेलवे मुंबई द्वारा पमरे प्रशासन के साथ मिलकर यह निर्णय लिया कि अब जबलपुर का क्रू स्टाफ जिसमें लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड शामिल हैं, वे जबलपुर से सीधे ट्रेन लेकर खंडवा तक जायेेंगे व वहीं से वापसी में ट्रेन लेकर सीधे जबलपुर तक लौटेंगे. उल्लेखनीय है कि अभी तक जबलपुर का स्टाफ इटारसी तक ट्रेन लेकर जाता है और वहां से दूसरी ट्रेन लेकर वापस जबलपुर आता है.
इसलिए विरोध शुरू
इस संबंध में डबलूसीआरईयू के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला का कहना है कि जबलपुर के क्रू स्टाफ मशीन नहीं हैं, लगातार 8 घंटों से ज्यादा यात्री ट्रेन का संचालन संभव नहीं हैैं, क्योंकि लोको पायलट, एएलपी को ट्रेन संचालन के साथ-साथ लगातार एकाग्रता बनाये रखते हुए सिग्नल देखना, ट्रेक पर लगातार नजर जमाए रखना होता है. यदि इतनी दूरी तक ट्रेन का संचालन कराया जाता है तो इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ेगी, जिससे जान-माल का गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. ऐसी खबरें हैं कि रेल प्रशासन जबलपुर के स्टाफ से खंडवा तक ट्रेन चलवाने की तैयारी कर रहा है, जिसका यूनियन पुरजोर विरोध करती है.
अभी यहां तक जबलपुर का स्टाफ ट्रेन लेकर जाता है
उल्लेखनीय है कि अभी जबलपुर का रनिंग स्टाफ ट्रेन लेकर इलाहाबाद जंक्शन, इलाहाबाद छिवकी, बांदा, इटारसी, भोपाल, सिंगरौली, रीवा तक जा रहा है और वहां से ट्रेन लेकर वापस लौट रहा है. रेल प्रशासन की यह भी योजना है कि आने वाले समय में वह जबलपुर से शहडोल व गोंदिया तक भी ट्रेन का संचालन करे.
इनका कहना....
- हमारे संज्ञान में यह बात आयी है कि मध्य रेलवे मुंबई व पमरे प्रशासन की सहमति से जबलपुर के रनिंग स्टाफ से खंडवा तक ट्रेन चलवाया जाए, लेकिन डबलूसीआरईयू ने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध करने का निर्णय लिया है. इतनी अधिक दूरी तक ट्रेन ले जाने से स्टाफ पर कार्य का अत्यधिक दबाव बढ़ेगा और एकाग्रता भी प्रभावित होगी. जो रेल हादसों का कारण बन सकता है.
- नवीन लिटोरिया, मंडल सचिव, डबलूसीआरईयू, जबलपुर.