१. लक्ष्मीजी के किसी भी मंत्र का जाप बुधवार या शुक्रवार से शुरू करें तथा नित्य कमल गट्टे की एक माला जाप करें.
२.-विष्णु सहस्रनाम तथा श्रीसूक्त का एक-एक पाठ नियमित करें तथा श्री लक्ष्मीजी को गुलाब या कमल पुष्प चढ़ाएं.
३.-अपने वरिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान करें. घर-परिवार में सबसे प्रेम-व्यवहार करें.
४.-प्रात: जल्दी उठकर घर की सफाई करें तथा स्नानादि कर अपना पूजन- जप इत्यादि कर दिन की शुरुआत करें. जहां सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सोते हैं, वहां धन नहीं आता है. दुर्गंधयुक्त स्थान तथा अशुद्ध स्थान पर लक्ष्मी नहीं ठहरती.
५.-गाय -कुत्ता, भिखारी को यथासंभव खाना इत्यादि दें या न दे सकें तो उन्हें दुत्कारें नहीं.
६.-घर में कूड़ा-करकट, जाला इत्यादि जमा न होने दें. समय-समय पर सफाई करें.
७.-संध्या के पश्चात झाड़ू-बुहारी न करें. यदि करें तो कचरा घर के बाहर न फेंकें.
८.-झाडू संभालकर रखें तथा खड़ी न रखें. ऐसी रखें कि किसी की नजर उस पर न पड़े. झाड़ू को कभी लांघें नहीं, न ही पैर की ठोकर लगे.
९.-कपड़े स्वच्छ व धुले हुए हों. इत्र-सेंट का प्रयोग अवश्य करें.
१०.-पूजन यदि नित्य करते हैं तो समय व स्थान निश्चित रखें.
११.-ईशान दिशा में गंदगी न होने दें, हो सके तो देव स्थान जरूर बनाये.!
१२.-दक्षिण- नैऋत्य, पश्चिम में कोई गड्ढा, बोरिंग, हौज इत्यादि न हो तथा जहां भी वास्तुदोष हो, वहां एक स्वस्तिक बना दें. हमेशा बाथरूम में नल इत्यादि से पानी न टपके, ध्यान रखें.
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए पं. वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें - 9131735636