नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन छह फरवरी को देशभर में नेशनल हाईवे जाम करने की तैयारी में जुट गए हैं. किसान संगठनों के आह्वान पर किसान नेता हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में गांव-गांव में घूमकर किसानों से इसमें शामिल होने की अपील कर रहे हैं.

वहीं 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों के तेवर थोड़े नरम दिखाई पड़ रहे हैं. किसान संगठनों ने सभी किसानों से कहा है कि हर नेशनल हाईवे पर कम से कम एक हजार से ज्यादा किसान मौजूद रहें. वे केवल झंडा, बैनर लेकर ही प्रदर्शन स्थल पर आएं. इस दौरान कोई भी किसान पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ गलत व्यवहार नहीं करेगा ताकि किसानों की छवि खराब नहीं हो.

किसान संगठनों ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर प्रदेश के गांवों में कमेटी तैयारी की है. कमेटी के लोग गांवों में किसानों के बीच जाकर चर्चा कर रहे हैं. सभी को आंदोलन के लिए तय समय पर कैसे जुटना है और कौन-कौन से नारे लगाना है और पुलिस प्रशासन से कैसे व्यवहार करना है इसके बारे मे बताया जा रहा है. स्थानीय किसान यूनियनों के द्वारा किसानों को फोन कर और मैसेज के जरिए भी अपने-अपने जिले के निर्धारित नेशनल व स्टेट हाईवे जाम करने के लिए ज्यादा संख्या में पहुंचने की बात कही जा रही है. इसके अलावा आने वाले दिनों में दिल्ली में चल रहे प्रदर्शनों में जुटने के लिए भी कहा जा रहा है.

किसान नेता हन्नान मौला ने कहा, हमारा आंदोलन दिल्ली के अंदर तो होगा नहीं, लेकिन इसके बाद भी सरकार और पुलिस हमें परेशान कर रही है. सभी प्रदेशों के किसान आकर हाईवे पर बैठेंगे और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे. हर हाईवे पर 1000 से ज्यादा लोगों को आने के लिए कहा है. सभी किसान संगठनों से कहा है कि अपने झंडा-बैनर लेकर आएं और विरोध प्रदर्शन करें. इस आंदोलन में हमने किसानों को ट्रैक्टर, ट्रॉली और कार नहीं ले जाने के लिए कहा है. इस प्रदर्शन के जरिए हम लोगों को यह बताना चाहते नए कानून से किसान कितने परेशान हैं.

केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान 70 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन रहे हैं. वहीं किसान दिल्ली की सीमाओं में नहीं घुसें, इसके लिए दिल्ली पुलिस उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स सहित 13 लेयर तक की सुरक्षा कर रही है. सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर बैरिकैडिंग की जा रही है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा है कि हम किसानों से हर स्तर पर चर्चा के लिए तैयार हैं.