नज़रिया. देश में पेट्रोल के बढ़ते दाम शतक के करीब पहुंच गए हैं. इसे लेकर जनता तो लंबे समय परेशान है, जिसे मोदी सरकार लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है, लेकिन अब तो भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ही अपनी सरकार की आग लगाने वाली पेट्रोल नीति को लेकर सवाल उठाया है.

उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि राम के भारत में पेट्रोल 93 रुपए, सीता के नेपाल में 53 रुपए और रावण की लंका में पेट्रोल 51 है.

खबर है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा बदलाव जारी है. ताजा तेल के दाम में 30-30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. इससे एक दिन पहले भी यह 35-35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी और इसके बाद दिल्ली में शुक्रवार को पेट्रोल 86.95 और डीजल 77.13 रुपये लीटर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

खबर है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल अब 100 रुपये, शर्मनाक शतक के बहुत करीब है, तो इंदौर में पेट्रोल की कीमत 95 रुपये के करीब है.

खबरों की माने तो पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चार्ज जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है.

यदि, केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हट जाए तो डीजल और पेट्रोल का रेट तीस रुपये लीटर से भी कम होगा.

लेकिन, सरकारें अपनी जेब भरने के लिए जनता की जेब में आग लगा रही हैं.

उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि- दिल्ली में पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क का हिस्सा 32.98 रुपये है, तो इसमें दिल्ली सरकार के बिक्री कर का हिस्सा 19.55 रुपए है.

जाहिर है, ऐसी लुट की इजाजत तो किसी व्यापारी को भी नहीं दी जा सकती है, जैसी लुट सरकारों ने मचा रखी है.

क्या पीएम मोदी अपने पुराने बयानों के मद्देनज़र कुछ कहेंगे?

सबसे तेज हैं पीएम मोदी, क्योंकि कमजोर है जनता की याददाश्त!
https://www.youtube.com/watch?v=iRdMtAbZSa0

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