नई दिल्ली. दिल्ली वासियों को बड़ी वित्तीय राहत देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी कालोनियों और क्षेत्रों की सभी श्रेणियों में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों से संबंधित मौजूदा सर्कल दरों को 20 फीसदी तक कम करने का फैसला किया है. यह इस साल 30 सितंबर तक लागू रहेगा. यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की. इस फैसले से राष्ट्रीय राजधानी में लोगों के लिए घर खरीदना काफी सस्ता हो गया है.
सीएम केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि इस कदम से अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी. केजरीवाल ने कहा जब हम कोरोना के बाद आर्थिक संकुचन से धीरे-धीरे उबर रहे हैं, तो यह हमारी सरकार का कर्तव्य है कि हम आम आदमी पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सभी कदम उठाए. उन्होंने कहा कि इस फैसले से लोगों की संपत्ति लेनदेन सस्ती होगी, रियल एस्टेट क्षेत्र पुनर्जीवित होगा जो कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा सर्कल दर में 20 प्रतिशत तक कमी करने का निर्णय अधिक से अधिक लोगों को अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और रियल स्टेट में आई स्थिरता को दूर करेगा. उन्होंने कहा कि हम कठिन समय का सामना कर रहे हैं. एक जवाबदेह सरकार होने के नाते अर्थ व्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए दिल्ली की जनता को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देना हमारा कर्तव्य है. दिल्ली सरकार टूरिस्ट वीजा को भी बहाल करने पर विचार कर रही है. इस बारे में जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.
आवासीय संपत्तियों की तुलना में आम तौर पर वाणिज्यिक संपत्तियों में सर्कल की दरें अधिक होती हैं. हालांकि यह संपत्ति के प्रकार और उम्र के आधार पर भी भिन्न हो सकता है. वर्ष 2000 के बाद निर्मित संपत्तियों में अधिकतम 1 गुणक है जबकि पुरानी इमारतों में यह 0.5-0.9 की सीमा में है.