नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करने का फैसला किया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन यूपी और उत्तराखंड के एक लाख किसानों को स्टैंड बाई पर रखा गया है.

कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों के चक्का जाम को समर्थन दिया है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब किसान राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शांतिपूर्ण तरीके से 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक तीन घंटे का राष्ट्रव्यापी बंद रखेंगे, तो कांग्रेस अपना पूर्ण समर्थन देगी. कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुटता के साथ किसानों के प्रतीकात्मक प्रदर्शन में शामिल होंगे.

राकेश टिकैत ने शुक्रवार शाम को यह साफ कर दिया था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा. इन दोनों राज्यों में जिला मुख्यालय पर किसान कृषि कानूनों के विरोध में केवल ज्ञापन दिए जाएंगे. इन दोनों राज्यों में चक्का जाम टालने के बारे में टिकैत ने कहा कि इन दोनों जगहों को लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिए यूपी-उत्तराखंड के लोग अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहें. उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों पर तय योजना के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से काम होगा.

किसानों के चक्का जाम के दौरान प्रमुख सड़कों पर आज 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाडय़िां नहीं चलने दी जाएंगी. राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए, वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे. किसान सभी नेशनल और स्टेट हाइवेज पर चक्का जाम करेंगे. सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पूरे चक्का जाम को कोऑर्डिनेट करेंगे.

वहीं पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से के हजारों किसान दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में 70 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि चक्का जाम पूरी तरह शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों या किसी भी नागरिक से किसी भी तरह के संघर्ष में नहीं उलझें. इससे पहले एसकेएम ने देशव्यापी चक्का जाम शनिवार को करने की घोषणा की थी. इसने कहा था कि किसान आंदोलन स्थलों के आसपास के क्षेत्र में इंटरनेट बंद करने के खिलाफ तीन घंटे के लिए राजमार्गों को जाम करेंगे