चमोली. उत्तराखंड के चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है, इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका है. यहां 24 मेगावाट का प्रोजेक्ट निर्माणाधीन था. बताया जा रहा है हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे लेकर सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की है. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है. जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.

ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है. जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है. यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है. इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.

चमोली में बांध टूटने से नदी में जल स्तर बढऩे की आशंका को देखते हुए टिहरी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है. देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है. वहीं नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है. प्रशासन नदी किनारे खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटा रहा है.

चमोली में बांध टूटने की घटना के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए पौड़ी जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है. डीएम धीराज सिंह ने बताया कि धारी देवी के पास बने बांध से पानी छोडऩे के आदेश जारी कर दिए हैं. श्रीनगर में नदी वाले इलाकों में रहे लोगों को हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं.