नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि अब तक 11 राफेल विमान भारत आ चुके हैं और मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे. यह जानकारी राज्यसभा को रक्षा मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में दी. उन्होंने बताया, अब तक 11 राफेल विमान भारत आ चुके हैं तथा मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे. अप्रैल 2022 तक भारत को पूरे राफेल मिल जाएंगे. बता दें, राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद महेश पोद्दार ने सवाल किया था कि भारत में अब तक कितने राफेल आ चुके हैं और कितने आने बाकी हैं और ये सब जंग के लिए कब तक तैयार होंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, फ्रांस से राफेल को भारत को सुपुर्द किए जाने के बाद उन्हें वायु सेना में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय महत्व का आयोजन किया गया था. पहले भी खरीदे गए विमानों को वायु सेना में शामिला करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम हुए हैं लेकिन इस बार यह कार्यक्रम बड़ा था क्योंकि द्विपक्षीय वार्ता भी हुई थी. फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व वहां के रक्षा मंत्री ने और भारतीय पक्ष का नेतृत्व मैंने किया था. एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि 101 सामग्रियां चिह्नित की गई हैं जिन्हें दूसरे देशों से आयात नहीं किया जाएगा बल्कि स्वदेश में ही इनका निर्माण करने का फैसला किया गया है. राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि सरकार स्वदेशीकरण पर पूरी तरह से जोर दे रही है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया पहले पांच राफेल विमानों को 10 सितंबर को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. इसके लिए अंबाला वायुसेना स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम पर करीब 41 लाख रुपये खर्च हुए जिनमें 9.18 लाख रुपये का जीएसटी शामिल है. उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन अक्सर वायु सेना के स्थानीय संसाधनों के जरिये आयोजित किए जाते हैं.
सिंह ने बताया कि विमानों के सभी नए संस्करण समुचित समारोह के जरिये भारतीय वायु सेना में शामिल करने की परंपरा रही है. उन्होंने बताया कि राफेल को वायु सेना में शामिल करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले, राफेल निर्माता कंपनी एवं फ्रांसीसी एयरोस्पेस की दिग्गत दसाल्ट एविएशन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. लगभग छह सप्ताह बाद इन विमानों को भारतीय वायु सेना में शामिल करने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था. करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक समझौता किया था. दूसरी खेप में तीन नवंबर को तीन और तीसरी खेप में 27 जनवरी को तीन अन्य राफेल विमान भारत आए.