नई दिल्ली/देहरादून. आखिर इतनी ठंड में उत्तराखंड में ग्लेशियर कैसे टूटा इसे लेकर कई विशेषज्ञ भी हैरान हैं. इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ग्लेशियर का टूटने को लेकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) जानकारी जुटाने में लगा हुआ है. इसरो से भी इसे लेकर जानकारी मांगी गई है. दरअसल, उत्तराखंड के चमोली में आए इस भीषण आपदा में अबतक 19 लोगों की जान जा चुकी है जबकि एक टनल में कई लोग फंसे हुए हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के बाढ़ प्रभावित चमोली और आसपास के इलाकों में जारी राहत अभियानों के बीच सोमवार को कहा कि पूरी घटना की व्यापक जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके. रावत ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए चल रहे व्यापक विश्लेषण के बाद, हम भविष्य में ऐसी किसी भी संभावित त्रासदी से बचने के लिए एक योजना बनाएंगे. राहत कार्यों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि वे पूरी शिद्दत से चल रहे हैं. उन्होंने कहा, हमने बचाव और राहत अभियान के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये हैं. साथ ही साथ प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं. सबसे महत्वपूर्ण, हम प्रभावित गांवों के बीच दोबारा संपर्क स्थापित करने का काम कर रहे हैं.
जल्द ही किया जाएगा आर्थिक नुकसान का आकलन
रावत ने कहा कि जल्द ही आर्थिक नुकसान का आकलन किया जाएगा. फिलहाल शीर्ष प्राथमिकता, जहां तक संभव हो लोगों की जान बचाना और अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास करना है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, इसके अलावा केंद्र, कई राज्यों ने भी मदद की पेशकश की है.