नयी दिल्ली. सरकार ने ट्विटर को पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से संबंधित 1,178 अकाउंट बंद करने का आदेश दिया है जो किसानों के विरोध प्रदर्शनों को लेकर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री फैला रहे हैं. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चार फरवरी को इन ट्विटर अकाउंट की एक सूची साझा की थी. सूत्रों के अनुसार इन अकाउंट की पहचान सुरक्षा एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक या पाकिस्तान द्वारा समर्थित और विदेशी धरती से संचालित होने वाले अकाउंट के तौर पर की थी, जिनसे किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा है.

सूत्रों ने कहा कि इनमें से कई खाते आटोमेटेड बॉट थे जिनका इस्तेमाल किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री साझा करने के लिए किया जा रहा था. सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने अभी तक नवीनतम आदेश का अनुपालन नहीं किया है. इससे पहले, सरकार ने ट्विटर को उन हैंडल और हैशटैग को हटाने का आदेश दिया था जिसमें दावा किया गया था कि किसान नरसंहार की योजना बनाई जा रही है. सरकार ने कहा था कि इस तरह की गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करेगी.

सरकार ने साथ ही ट्विटर को निर्देश का अनुपालन करने में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. ट्विटर ने उन अकाउंट को एकतरफा अनब्लॉक करने से पहले कुछ घंटे के लिए ब्लॉक किया था.

उस समय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को कानून के प्रासंगिक प्रावधान के तहत 257 यूआरएल (वेब पते) और एक हैशटैग को बंद करने के लिए कहा था क्योंकि वे (किसान) विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत सूचना फैला रहे थे और उनसे हिंसा फैल सकती थी जिससे देश में सार्वजनिक व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती थी.

सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने पूर्व के आदेश का पूरी तरह से अनुपालन अभी नहीं किया है. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एक और आदेश जारी किया है जिसमें उसने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों के अकाउंट को बंद करने के लिए कहा गया है.

किसान विरोध प्रदर्शन के समर्थन में कई विदेशी हस्तियों द्वारा किए गए कई ट्वीट को ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी द्वारा हाल ही में लाइक किये जाने से भी आईटी मंत्रालय परोक्ष तौर पर अप्रसन्न है. सूत्र ने कहा कि इस कदम से प्लेटफार्म के तटस्थता के दावों पर आशंका उत्पन्न होती है और ट्विटर द्वारा सरकार के आदेशों की अवहेलना कई सवाल खड़े करती है.

सूत्रों ने साथ ही कहा कि कोई भी कंपनी किसी भी सरकारी आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए स्वतंत्र है अगर उसे लगता है कि वह उस आदेश का पालन नहीं कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने इन आदेशों में से किसी को भी न तो भारत के किसी अदालत में चुनौती दी है और न ही सरकार के निर्देश का अनुपालन किया है. ट्विटर के प्रवक्ता ने एक ई-मेल प्रतिक्रिया में कहा कि प्लेटफार्म सार्वजनिक संवाद के सशक्तिकरण और पारदर्शिता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है.

प्रवक्ता ने कहा, अगर हमें ट्विटर पर संभावित अवैध सामग्री के बारे में वैध कानूनी अनुरोध प्राप्त होता है, तो हम इसकी समीक्षा ट्विटर के नियमों और स्थानीय कानून, दोनों के तहत करते हैं. यदि सामग्री ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करती है, तो सामग्री को सेवा से हटा दिया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा, यदि यह एक विशेष अधिकार क्षेत्र में अवैध होना निर्धारित करता है, लेकिन ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं है, तो हम केवल उस स्थान में सामग्री तक पहुंच को रोक सकते हैं. सभी मामलों में, हम अकाउंट धारक को सीधे सूचित करते हैं ताकि उसे पता चले कि हमें अकाउंट से संबंधित एक कानूनी आदेश प्राप्त हुआ है.