नई दिल्ली. देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को दलीय सीमाओं से ऊपर रखने की रक्षामंत्री राजनाथ ङ्क्षसह की अपील के बाद विपक्ष ने लोकसभा में कृषि सुधार कानूनों को लेकर जारी सियासी संग्राम खत्म कर दिया. हफ्ते भर से जारी गतिरोध टूटने के साथ ही लोकसभा में कामकाज शुरू हो गया और राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई.
विपक्ष की अगुआई करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आश्वस्त किया कि विपक्ष संसदीय परंपरा कभी नहीं तोड़ेगा. विपक्ष की मंशा कृषि कानून विरोधी किसानों का मुद्दा उठाने की थी. लोकसभा में प्रश्नकाल तो विपक्ष के हंगामे की वजह से नहीं चल पाया मगर सभी दलों के नेताओं के बीच चर्चा में बनी सहमति के बाद राजनाथ सिंह की अपील पर सदन का गतिरोध खत्म हो गया.
धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने की रही है परंपरा
रक्षा मंत्री ने कहा कि बजट सत्र में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को राष्ट्रपति संबोधित करते हैं. इसके बाद सबसे पहले अभिभाषण पर संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने की स्वस्थ परंपरा रही है. चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो उसका पहला काम इस प्रस्ताव को पारित करना होता है. राज्यसभा में यह धन्यवाद प्रस्ताव बहस के बाद पारित हो चुका है.
परंपरा की नहीं हो अवहेलना
राजनाथ ने कहा कि हमारे जीवंत लोकतंत्र की परंपरा को बनाए रखने के लिए लोकसभा में भी प्रस्ताव पर बहस कर इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए यही उनकी अपील है. उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेता भी दिल से लोकतंत्र की हमारी परंपरा की जीवंतता को बनाए रखना चाहते हैं. राष्ट्रपति भी संसद का हिस्सा हैं. इसलिए किसी संस्था की अवहेलना नहीं होनी चाहिए. इसकी जिम्मेदारी सभी पार्टियों के सदस्यों की है.
हाथ जोड़कर गुजारिश की
राजनाथ ने कहा कि इसीलिए हाथ जोड़कर वे इस परंपरा को नहीं तोडऩे की अपील करते हैं और विपक्ष कृषि कानून विरोधी किसानों के मुद्दे पर भी खुलकर बोलता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.
किसानों का मसला हमारी निजी मांग नहीं
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कृषि कानून विरोधी किसानों के मुद्दे को उठाना उनकी कोई निजी मांग नहीं है. दिल्ली की सीमाओं पर ठंड में महीनों से संघर्ष कर रहे आंदोलनकारियों की दुर्दशा पर विपक्ष चुप नहीं रह सकता. परंपरा और लोकतंत्र की जीवंतता के लिए ही विपक्ष उनकी बात उठा रहा है. जहां तक परंपरा की बात है तो हमारे देश ने कभी परंपरा टूटने नहीं दी है. किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा कर हम उन्हें सम्मान देना चाहते थे मगर बहुमत के बल पर हमारी आवाज दबा दी गई.
धन्यवाद प्रस्ताव के बाद होगी घेरेबंदी
हालांकि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ संसद भवन में विपक्षी खेमे के नेताओं की गतिरोध के मुद्दे पर बैठक हुई. इसमें राय बनी कि धन्यवाद प्रस्ताव की बहस में हिस्सा लेकर सरकार की घेरेबंदी की जाए. इसी के बाद विपक्ष ने गतिरोध खत्म किया.