भोपाल. मप्र के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने छोटे बच्चों के स्कूल खोले जाने पर सहमति नहीं दी है. शिक्षा विभाग अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकता. यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा संवदेनशील विषय है. जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की सहमति मिलेगी, मिडिल और प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 5 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. इसमें निर्णय लिया गया था कि कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाएं 31 मार्च तक बंद रहेंगी.
इसके बाद सरकार ने कोरोना की स्थिति के मद्देनजर पूर्व में लिए निर्णय पर पुनर्विचार तक नहीं किया. आंध्र प्रदेश और पंजाब में कुछ शर्तों के साथ 1 से 5वीं की कक्षाएं नियमित लगाना शुरू कर दी हैं, जबकि दिल्ली सरकार तो नर्सरी के स्कूल खोलने पर भी विचार कर रही है.
मप्र में कोरोना संक्रमण के आंकड़े देखें, तो सरकार ने 4 दिसंबर को प्राइमरी व मिडिल स्कूल नए सत्र 1 अप्रैल से शुरू करने का फैसला लिया था, तब प्रतिदिन 1300 से अधिक केस सामने आ रहे थे. प्रदेश में एक दिन में औसतन 13 मौतें हो रहीं थी, लेकिन 8 फरवरी को कोरोना के केस घट कर 190 हो गए हैं, जबकि जिन राज्यों में स्कूल खोले गए हैं, वहां एक्टिव केस मप्र से ज्यादा हैं.
केंद्र सरकार 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को जल्द ही बड़ी खुशखबरी दे सकती है. दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की घोषणा का इंतजार लंबे समय है. ये इंतजार इसी महीने यानी फरवरी 2021 में ही खत्म हो सकता है.